Book Title: Prachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana Author(s): Shitalprasad Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 3
________________ - - मध्यप्रान्त, मध्यभारत और राजपूतानाके . प्राचीन जैन स्मारक। UmwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwnxncommenAmantra संग्रहकर्ताश्री जैनधर्मभूषण धर्मदिवाकर व्र० शीतलप्रसादजी, अनेक ग्रन्थोंके रचयिता, टीकाकार व जैनमित्र तथा वीरके आ० सम्पादक; सूरत । marocomopoker प्रकाशकमूलचन्द किसनदास कापड़िया-सूरत। " जैनजगत् " के प्रथमवर्षके ग्राहकोंकोश्रीमान साहू सलेखचन्दजी जगमन्दरदासजी गंगवहादुरईस-नजीबाबादकी ओरसे भेंट। wwwwwwwwww सन् १९२६ १ प्रति १००० मूल्य-दुस-आने मात्र। ...minimmmmmmmmmm w wwrv----Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 185