Book Title: Patliputra Ka Itihas
Author(s): Suryamalla Yati
Publisher: Shree Sangh Patna

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Page 56
________________ [ ४३ ] tra जैन भाइयों को तन-मन-धनसे उपयुक्त पुण्यकार्य में हाथ बटाकर यश प्राप्त करना चाहिये, नहीं तो यदि शीघ्र उस ओर ध्यान नहीं दिया जायेगा, तो वे स्मृतियां भी दर्शनीय न रहकर केवल स्मरणीय ही रह जायेंगी । पटनेका भौगोलिक विवरण तथा प्राकृतिक दृश्य पटना बिहार प्रदेशके मगध प्रान्तमें गङ्गाके दक्षिण तटपर अवस्थित है। यहां ई० आई० रेलवेके तीन मुख्य स्टेसन शहरके अन्दर हैं: - ( १ ) पटना सिटी (बेगमपुर, ) (२) (गुलज़ार बाग,) ( ३ ) पटना जंकशन । इसके उत्तर गङ्गा, दक्षिण जल्ला नाम की एक छीछल-नदी, पूर्व में पुनपुन नदी पश्चिममें शोणभद्र या गंगाकी एक नहर है । इसका क्षेत्रफल ऐसे तो बहुत जियादा है; किन्तु मुख्य अट्ठारह वर्ग मील है - नत्र मील लम्बा और दो मील चौड़ा हैं, जो इस समय पूर्व और पश्चिम दरवाजेके नामसे प्रसिद्ध हैं। यहां की लोक-संख्या कुछ न्यूनाधिक १६ ५१६२ है [श्रीस्थूलभद्र स्वामी तथा सुदर्शन सेठके मंदिर ] यहां जैनियोंके मन्दिरोंमें सबसे प्राचीन, तथा प्रधान परम पूज्य श्रीस्थूलभद्रजी और श्रीसुदर्शन सेठके दो मंदिर गुलजार

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