________________
लनेका काम शुरू हुमा, तो प्रतिदिन सवेरे ५ बजेसे १० बजे तक मेशीनचलायी जागी, १० बजेसे ५ बजे सायंकालतक मिट्टी निकाली जाती, उसके बाद १० बजे रात तक फिर मेशीन चलायी जाती थी। इस प्रकार लगातार तीन महीने तक अन वरत परिश्रम करनेपर कुए के निम्न तलतक सफाई न हो सकी और न उसकी गहराईको ही पता चला। तब लाचार सफाईका काम बंदकर मरम्मतका काम प्रारम्भ करना पड़ा। सफाई करते समय हजारों पुरातन सिक्के एवं अन्यान्य कितनी ही चीजें निकली। लोटा आदि पात्रोंकी तो कोई गणना ही न थो। इस प्रकार कई हज़ार की सम्पत्ति विहार-सरकारको उस कुएंसे प्राप्त हुई थी। यह स्थान गुलजार बागके प्रधान जैन तीर्थ कमल दहके समीप ही स्वनाम ख्यात महलेमें अवस्थित हैं।
इसके अतिरिक्त अन्यान्य कितने ही हिंदुओंके देव-भंदिर तथा तीर्थस्थान पटनेमें हैं, जहां समय- समयपर वारुणि भादि नामोंसे मेले लगते तथा लोग उनके दर्शन-पूजनसे अपनी आत्माओं को पवित्र करते है। - श्री हरमन्दिर-यह सिक्खोंका परम तीर्थस्थान हैं। सिक्खोंके सर्वतीर्थो में इसका दूसरा नम्बर है । यहाँ सिक्ख-गुरु श्रीगोबिन्द सिंहका जन्मस्थान कहा जाता है । यहाँ प्रन्थ साहब चक्रा दण्ड और खड़ाऊं का दर्शन यात्रियों को कराया जाता है, इस मदिरके भीतर एक कमरा भनेक मन-शल से सुसज्जित है, जो यात्रियों को दिखाया जाता है। यहां इतनी कम्पीभी तलवारे
.:.
.