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बागमहल्ले में मशहूर हैं। यहां प्रत्येक वर्ष देश देशान्तरोंसे अनेक नर-नारी जैन यात्री दर्शनके लिये भाते हैं । इन मन्दिरो की. निर्माण - प्रणालीके देखनेसे उनकी प्राचीनता साफसाफ जाहिर होती है। ये दोनों स्थान जिस प्रकार भव्य हैं, उसी प्रकार ज्ञान और उत्साहको बढ़ाने वाले हैं। इन स्थानों के देखनेसे हृदयमें स्वभावत: एक अनिर्वचनीय भाव उत्पन्न होता है । यदि वह भावस दाके लिये स्थिर रह जाये, तो फिर क्या पूछना - मनुष्य वास्तविक मनुष्य हो जाये । इतिहास प्रेमियोंके लिये ये दोनों स्थान जैन - इतिहासकी बहुमूल्य सामग्री हो जाती है ! इनके अतिरिक्त डंका कुचा बाड़ेकी गली आदि महल्लों में जैनियोंके अनेक देवालय तथा चैत्यालय हैं, जो इस समय छिन्न भिन्न तथा मलिन दशामें पड़े हैं 1
श्री बडी पटन देवीजी और छोटी पटन देवी-ये दोने स्थान भी बहुत प्राचीन तथा हिंदुओंके परम पूज्य तथा आराध्य है। इनकी बनावट से भी प्राचीनता टपकती रहती है । एक चौकसे कुछ पूर्व स्वनाम-विख्यात महल्ले में है और दूसरा महाराज गञ्ज नामक महल्लेमें है ।
श्रीकाली मंदिर - यह स्थान छोटी पटनदेवीके समीप है ।। यह स्थान कितना प्रावोन है, यह कहा नहीं जा सकता किंतु परम सिद्ध तथा रमणीक है ।
श्री गोपीनाथजीका मंदिर - यह स्थान भी बहुत प्राचीन और भव्य है, किन्तु उसकी प्रतिमा प्राचीन नहीं है । बीचमें कभी