Book Title: Patli Putra ka Itihas
Author(s): Suryamalla Maharaj
Publisher: Shree Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 59
________________ जैन भाइयोंको तन-मन-धनसे उपयुक पुण्यकार्यमें हारा पटाकर यश प्राप्त करना चाहिये, नहीं तो यदि शीघ्र उस मोर ध्यान नहीं दिया जायेगा, तो वे स्मृतियां भी दर्शनीय न रहकर केवल स्मरणीय ही रह जायेंगी। पटनेका भौगोलिक विवरण तथा प्राकृतिक दृश्य पटना बिहार प्रदेशके मगध प्रान्तमें गड़ाके दक्षिण तटपर अवस्थित है। यहां ई० आई० रेलवेके तीन मुख्य स्टेसन शहरके अन्दर हैं: (१) पटना सिटी (बेगमपुर,) (२)(गुलज़ार बाग,) (३) पटना जंकशन। इसके उत्तर गड़ा, दक्षिण जल्ला नाम की एक छीउल नदी, पूर्वामें पुन-पुन नदी-पश्चिममें शोणम या गंगाजी एक नहर है। इसका क्षेत्रफल ऐसे तो बहुत जियादा है, किन्तु मुख्य मट्ठारह वर्ग मील है-नब मोल लम्बा मोर दो मील चौड़ा है, जो इस समय पूर्व और पश्चिम दरवाजे के नामसे प्रसिद्ध है। यहां की लोक-संख्या कुछ न्यूनाधिक १६ ११६२१ [भीस्थूलभद्र श्वामी तथा सुदर्शन सेठके मंदिर] पहा नियोंके मन्दिरोंमें सबसे प्राचीन, तथा प्रधान परम पुरुष श्रीस्थूलमानी मोर श्रीसुदर्शन सेठी यो गरि Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68