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मैं अपने धर्मबन्धुओं को यह भी सूचित कर देना चाहता हूं कि दोपमालिका पूजन तथा पर्यात्रण कर्त्तव्य आदि पुस्तकोंके प्रथम संस्करण समाप्त हो चुके है । और द्वितीय संस्करण निकालने का विचार हो रहा है यदि कोई सज्जन गण अपना द्रव्य इस सदुपयोग में लगाकर पुण्योपार्जन करना चाहें तो मुझे आपना नाम तथा स्थान देकर अनुग्रहित करें तो उनके नामसे ही समस्त पुस्तकोंके संस्करण तयार कराके अ... बितीर्ण कराये जायें ।
अब मैंने विवाह पद्धतिके सिवाय १५ संस्करण और लिखने प्रारम्भ करदिये हैं जो सज्जन इनको अपने नामसे अमूल्य वितीर्ण करा कर अपना द्रव्य सदुपयोग में लगा सम्यक्त की पुष्टि तथा धार्मिक लाभ लेना चाहें वह मुझे सूचित करें ।
जैन धर्मका महत्व नामक पुस्तक अब मेरे पास नहीं हैं जो सज्जन मंगाना चाहें वह नीचे लिखे पतेसे मंगाले ।
श्रीयुतबाबूचांदारामजी मेला रामजी जैनी ठि० छतरहह बाज़ार अन्दर पाकदरवाजा मुलतान सिटी [ पंजाब ]
धर्म हितैषी सूर्यमल यतिः
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