Book Title: Parshwanath Charitra
Author(s): Kashinath Jain Pt
Publisher: Kashinath Jain Pt

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Page 599
________________ आदिनाथ हिन्दी - जैन- साहित्यमालाकी नियमावली (१) उक्त नामकी साहित्यमालाका स्थान इस समय बंबोरा - मेवाड़ तथा २०१ हरिसन रोड कलकत्तामें रहेगा । (२) इस साहित्यमालाके अध्यक्ष पण्डित काशीनाथजी जैन रहेंगे, तथा इसके लाभ-हानिके जिम्मेवार भी वही होंगे । (३) साहित्यमालाकी पुस्तकों को मुद्रित करनेके लिये “ आदिनाथ प्रेस" रहेगा जो कि ५०००) पांच हजार रुपये के लागत मूल्यका होगा, वह इसकी स्थावर सम्पत्ति समझी जायगी तथा आज तक अध्यक्ष महोदय की ओरसे बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, उन पुस्तकोंका सम्बन्ध भी इसी साहित्यमालासे रहेगा और वह इसकी सम्पत्ति मानी जायगी । (४) साहित्यमालाकी ओरसे प्रतिवर्ष ८०० अथवा १००० पृष्ठके साहित्यकी पुस्तकें प्रकाशित हुआ करेंगी। जिनका मूल्य ६ रुपैये से रुपैये तक रखा जायगा । आ (५) पुस्तकोंका आकार डबल क्राउन सोलह पेजीके समान जो कि हमारा आदिनाथ चरित्र तथा छोटी-छोटी पुस्तकें छप चुकी हैं, उनके अनुसार रहेगा ।

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