Book Title: Parikshamukham
Author(s): Manikyanandi Aacharya, Vivekanandsagar, Sandip
Publisher: Anekant Gyanmandir Shodh Samsthan

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Page 10
________________ पूज्य मुनिश्री की प्रेरणा को मैं नहीं टाल सका और सहज में मन प्रकाशित कराने का बन गया । पूज्य मुनि श्री को मैं त्रियोग से भक्तिपूर्वक नमोस्तु करता हूँ। ग्रन्थ के प्रकाशन एवं सम्पादन में श्री ब्र. संदीप 'सरल' अनेकान्त ज्ञान मंदिर शोध संस्थान, बीना ने कर एवं आवश्यक परामर्श देकर मुझे कृतार्थ किया और अपनी संस्था से प्रकाशन के योग्य समझा । कृति के प्रकाशन में सभी सहयोगियों को हार्दिक शुभाशीष । ग्रन्थ के अनुवाद करते समय त्रुटियाँ रह जाना सम्भव है। अतः त्रुटि हेतु क्षमा चाहता हूँ, सुधीजन त्रुटियों से मुझे अवश्य अवगत करावें ताकि आगे सुधार कर सकूँ । आशा है कि पाठकगण समादर करेंगे ।. क्षुल्लक विवेकानंदसागर 8

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