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14. ग्रन्थ में ( परीक्षामुख में ) कितने सूत्र एवं परिच्छेद हैं ?
ग्रन्थः में 208 सूत्र एवं 6 परिच्छेद (समुद्देश) हैं। 15. ग्रन्थ कैसे होते हैं ?
ग्रन्थ सम्बन्ध, अभिधेय, शक्यानुष्ठान एवं इष्ट प्रयोजन वाले होते हैं। 16. प्रयोजन कितने प्रकार का होता है ?
साक्षात् प्रयोजन और परम्परा प्रयोजन के भेद से प्रयोजन दो प्रकार का होता है। प्रस्तुत मंगलाचरण में वक्ष्ये' इस शब्द के द्वारा साक्षात् प्रयोजन
और अर्थ संसिद्धि से परम्परा प्रयोजन कहा गया है। 17. कथा कितने प्रकार की होती है ?
कथा दो प्रकार की होती है1. वीतराग कथा
2. विजिगीषु कथा 18. वीतराग कथा किसे कहते हैं ?
गुरु तथा शिष्यों में अथवा रागद्वेष रहित विशेष विद्वानों में तत्त्व के निर्णय
होने तक जो आपस में चर्चा की जाती है वह वीतराग कथा है। 19. विजिगीषु कथा किसे कहते हैं ?
वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जय पराजय होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति (चर्चा) होती है वह विजीगीषुकथा
कहलाती है। 20. प्रमाण के विषय में विवाद कितने प्रकार का है ?
चार प्रकार का है - 1. प्रमाणस्वरूप, 2. प्रमाणसंख्या, 3. प्रमाण का
विषय 4. प्रमाण का फल। 21. प्रस्तुत ग्रन्थ के 6 परिच्छेदों में किसका निरूपण है ?
प्रथम परिच्छेद में प्रमाण का लक्षण, द्वितीय परिच्छेद में प्रमाण के भेद, तृतीय परिच्छेद में परोक्षप्रमाण का लक्षण, चतुर्थ परिच्छेद में प्रमाण का
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