Book Title: Panchastikay Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 83
________________ पत्त परिहीण पिहिय बद्ध भणिद भणिय रक्त रहिद लद्ध ववगद विरहिद संजुत्त संभूद संसिद णेय णिज्जरमाण पवता (76) प्राप्त हुआ रहित बंद किया गया बँधा हुआ कहा गया कहा गया रागयुक्त हुआ मुक्त प्राप्त नष्ट कर दिया गया वियुक्त / रहित वियुक्त जुड़ा हुआ सहित आश्रित जानने योग्य भूकृ अनि भूक अनि निर्जरा करता हुआ बढ़ता हुआ भूक भूक अनि भूक भूकृ भूकृ अनि भूक अनि भूक अनि भूक अनि भूक अनि भूक अनि भूक अनि भूक अनि विधि कृदन्त विधिक अनि वर्तमान कृदन्त वकृ वकृ 132 106 141 147 120,124,130, 149 112 147 151 106 153 112 134 152 148 110, 135 113 153 113 पंचास्तिकाय (खण्ड-2) नवपदार्थ - अधिकार

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