Book Title: Panchastikay Part 02 Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 81
________________ वोच्छ संधुण पा बज्झति भुंजदे वुच्चंति (74) कहना नष्ट करना प्राप्त करना 105 145 अनियमित क्रिया बाँधे जाते हैं भोगा जाता है कहे जाते हैं 119 अनियमित कर्मवाच्य 149 133 136 पंचास्तिकाय (खण्ड - 2) नवपदार्थ अधिकारPage Navigation
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