Book Title: Pancham Shataknama evam Saptatikabhidhan Shashtha Karmgranth Author(s): Chandraguptasuri Publisher: Jain Atmanand SabhaPage 22
________________ 21 प्रस्तावना / आचार्य मलयगिरिनुं बहुश्रुतपणुं-आचार्य मलयगिरिकृत महान् ग्रन्थराशिनु अवगाहन करतां तेमां जे अनेक आगमिक अने दार्शनिक विषयोनी चर्चा छे, तेमज प्रसंगे प्रसंगे ते ते विषयने लगतां जे अनेकानेक कल्पनातीत शास्त्रीय प्रमाणो टांकेलां छे; ए जोतां आपणे समजी शकीशु के-तेओश्री मात्र जैन वाङ्मयनु ज ज्ञान धरावता हता एम न होतुं; परंतु उच्चमां उच्च कक्षाना भारतीय जैन-जैनेतर दार्शनिक साहित्य, ज्योतिर्विद्या, गणितशाल, लक्षणशास्त्र आदिने लगता विविध अने विशिष्ट शास्त्रीय ज्ञाननो विशाळ वारसो धरावनार महापुरुष हता. / तेओश्रीए पोताना ग्रन्थोमां जे रीते पदार्थोनुं निरूपण कर्यु छे ए तरफ आपणे सूक्ष्म रीते ध्यान आपीशुं तो आपणने लागशे के ए महापुरुष विपुल वाङ्मयवारिधिने घुटीने पी ज गया हता, अने आम कहेवामां आपणे जरा पण अतिशयोक्ति नथी ज करता / पूज्य आचार्य श्रीमलयगिरिसरिवरमां भले गमे तेटलुं विश्वविद्याविषयक पांडित्य हो, ते छतां तेओश्री एकान्त निर्वृतिमार्गना धोरी अने निर्वृतिमार्गपरायण होई तेमने आपणे निर्वृतिमार्गपरायण जैनधर्मनी परिभाषामां आगमिक के सैद्धान्तिक युगप्रधान आचार्य तरीके ओळखीए ए ज वधारे घटमान वस्तु छे / ___ आचार्य मलयगिरिनु आन्तर जीवन-वीरवर्द्धमान-जैन-प्रवचनना अलंकारस्वरूप, युगप्रधान, आचार्यप्रवर श्रीमलयगिरि महाराजनी जीवनरेखा विषे एकाएक काइ पण बोलवू के लखवु ए खरे ज एक अघळं काम छे ते छतां ए महापुरुष माटे ढूंकमां पण लख्या सिवाय रही शकाय तेम नथी। ___आचार्य श्रीमलयगिरिविरचित जे विशाळ ग्रन्थराशि आजे आपणी नजर सामे विद्यमान छे ए पोते ज ए प्रभावक पुरुषना आन्तर जीवननी रेखा दोरी रहेल छ / ए प्रन्थराशि. अने तेमा वर्णवायला पदार्थों आपणने कही रह्या छे के-ए प्रज्ञाप्रधान पुरुष महान् ज्ञानयोगी, कर्मयोगी, आत्मयोगी अगर जे मानो ते हता। ए गुणधाम अने पुण्यनाम महापुरुषे पोतानी जातने एटली छूपावी छे के एमना विशाळ साहित्यराशिमां कोइ पण ठेकाणे एमणे पोताने माटे " यदवापि मलयगिरिणा" एटला सामान्य नामनिर्देश सिवाय कशुं य लख्युं नथी / वार वार वन्दन हो ए मान-मदविरहित महापुरुषना पादपद्मने !!! / संशोधनमाटे एकत्र करेली हस्तलिखित प्रतिओ प्रस्तुत विभागमा प्रकाशन पामता पांचमा-छट्ठा कर्मग्रन्थना संशोधनमाटे प्राचीन ताडपत्रीय अने कागळ उपर लखाएल सात प्रतिओ एकठी करवामां आवी हती। जेना संकेत वगेरेनो परिचय अहीं आपवामां आवे छे / 1-2 सं० 1 अने सं० 2 संज्ञक प्रतिओ-आ बन्ने य प्रतिओ पाटण-संघवीना पाडाना ताडपत्रीय ज्ञानभंडारनी छे / ए भंडार अत्यारे शा० सेवंतीलाल छोटालाल * पटवानी संभाळ नीचे छ /Page Navigation
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