Book Title: Paiso Ka Vyvahaar
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation
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'दादा' का गणित !
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यह हम पैसे बढ़ाया करें तो कहाँ तक जायेंगे? फिर मैं ने पैसों का हिसाब निकाला कि यहाँ पर इस दुनिया में किसी का पहला नंबर नहीं आया है। लोग कहते हैं कि "फोर्ड का नंबर पहला है।" पर चार साल के बाद किसी दूसरे का नाम सुनने में आता हो। अर्थात् किसी का नंबर टीकता नहीं है। बिना वजह यहाँ दौड़-धूप करें, उसका क्या अर्थ ? पहले घोड़े को इनाम मिलेगा, दूसरे-तीसरे को थोड़ा मिले और चौथे को तो दौडदौड कर मर जाने का! मैं ने कहा, "इस रेसकोर्स में मैं क्यों उतरे ?"तब ये लोग तो चौथा, पाँचवा, बारहवाँ या सौवाँ नंबर देंगे। तब हम किस लिए दौड दौड कर हॉफ मरें? हाँफ हॉफ कर हारते नहीं लोग? पहला आने के लिए दौड़ा और आया बारहवाँ, फिर कोई चाय भी नहीं पिलाये। आपको क्या लगता है?
- दादाश्री
पैसों का व्यवहार
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9788189-933180"
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