Book Title: Padmanandi Panchvinshati
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 321
________________ परज रविणो संतावर १९,710, बिहामन्यतया सदस्प-1-111,111 ! पुर्व बागतिवति 1.14, 157 रागद्वेपतैर्यधा -२१, 540 | विधाय कर्मक्षयमात्म- ११.१५,822 | शुराकुलमखुद -14,615 रागो बसम विद्यते |विधाम मातः प्रथम १५-१२,787 | शृण्वन्तकयोचरे ३१८,290 राजपसौ पुचिता १५-, 850 | दिन यथायोग्य १-२९, 425 | भामण्यपुग्यतारुक १-०३, 83 राजापि क्षममरसतो ३-५२, 294 | विष्पडियद जो तुद १३-२0,715 | श्रीपअनन्दितगुणौष १९-१०, 857 खजाराविविकृतिनं १०-२५, 570 | विभाम्वियत्याशिनसा 11-14, 824 | श्रीवीरेण मम प्रस्सा ५-१६, 546 विमोहामोशाय स्वहित 1-10२,102 भुतपरिचितमनुभूत 1-4,603 लक्ष्मी बाथरापीमतीव-1-१५,296 विपला मोहणधूली १३-५०,731 | श्रुताविकेवलयपि 14-1,779 पक्षीहत्य सदायमा २२-८,891 विधवस्तुविधतिक्षम 1.4, 552 | श्रेयासपो जयति। बस्याते जनावमा ३-२२,274 | वियं पश्यति वेति शर्म ८-२०, 505 | श्रेयोऽभियस्य नृपतेः. २-२, 200 सम्वा श्रीशिवरामिमा -10,292 | विस्तीर्णासिलवस्तु- 10.0,845 | वापि शितेरपि २१, 239 करिश्पवासामग्री -१२,319 | विस्मृतार्यपरिमार्गण 1..१५,562 | सब कय कयमपीह 1-६४, 168 / विहलीकपपंचसरो १३-२७, 708 सा हमकयाणसुझे 1-४५, 726 साध्या जन्म कुले पुची ५-५, 392 | विहाय नूनं तृणवत् १५-२०,826 | 26 स एवामुखमार्गस्थः -१९, 326 कीलोटेक्षितबा- 144,846 विहाय व्यामोह २१, 123 समसपुरुषधर्म- २1, 21 लोउत्तरालिसा १५-२१,709 | विहिनाभ्यासा बहिरर्थ-11-14,612 सचक्षुरप्येष जन- १५-१५,790 लोकपर बहमाब- .-१५,592 वीतरागपचे सस्था २२-९, 8921 सचिव सरणवियपा 11-6,689 डोकवनबित1.11.141| अक्षाश्मभिवायजा .११,271 | सबसि गुहारीबालू 11-1601 लोक सोडरित्र -५१.450/ परम्गविणे सहसा ३-1, 697 | सजयति बिनदेवः -16 छोका गप्रियतमा- 1-48.3061 वश्या साबनवाव- १२-16,669 | सवताभ्वस्तभोगान १-१५०, 150 कोलोकमतपय ५८, 522 म्यस्यागवानक-1-10६,106 सती पदी वन १३-10,816 डोकावति ५.905 | म्यवहारोऽमूसापों 11-9, 606 खसि हितीये सिम्ता 11१२,629 मददविरोधजन 11.4, 605 सति सम्ति ताम्वेग १-२१, 92 म्याल्पा पुस्तकदाममुखत -10,468 बचनिवितदोपचते १-४९, 79 सत्पात्रदानजनितीनव- १२०, 218 व्याहव्या बत् क्रियते 1-101,101 बने पतस्यपि सत्पात्रेषु यथाशक्ति -1,427 1-1,631 म्यानणानातकायल 14,442 पक्षिमिनि स्तोमा ७५,75 | सत्समाधिसश- 10-11,580 म्याविनाममिभूगते १.२५, 571 | सम्मान गुणिलसा एवं ८.२३, 508 | माविस्तदति शरीरं 11-२३, 620 ] सम्बोधमय बिहाय सखा सुखरामणीपक 1-140,180 अपुराविपरित्यक्ते 11.40 600/व्यापी नैव शरीर एक 1.1३, 137 | २५-१, 901 बपुरात्रितमिदमखिल -२४, 621 | समागते किल विपक्ष २-२८, 226 बपतिह निजपूषा ११, 46| सम्व सुरासुरेन्य १२, 12 वर्ष वर्षमपाकरोतु २१.११, 907 | बाकोसि कतमिहः २१३, 8681 समप्यसविर विदां 10,654 पावसस्य प्रमाण व इ-11,124| शरीरादिवहिबिना ४-५५, 862 सम्मात्यादि पदीय २५.1, 923 वामस्येव सुख सदन १-81,288 पाक्षिपभो वागमवायु ११८,814 | सहव मराणि स्युः ६-१२, 408 पानी प्रमाणमिह २७.11,878|सचजन्मजयन्तका- 1-1३५, 165 समता सर्वभूतेषु 4-6,404 बातम्याससमग्रवार १.१५, 581 सचम्मोहमहान्धकार १९, 182 समयस्पेषु वासक्य -11,432 बादल पुष किमु कि 1,299 | सान्ते मन्युचित 1-1३३, 133 समर्थोऽपि न यो दमाद ५-६४, 430 बासः शुन्यमठे पित् ५-१, 391 | शाम अश्मतकवि १५,852 | समुहपोषाकृतिरईति १५-१४,789 विकल्पोर्मिमिरयता १२१, 39विष्याणामपहाय 41,61 | सम्यकसुबोधडा 11-11,610 विम्म धणे रंगे 1-14,696 | शुदोषमयमसि १०-२०, 574 | सम्यग्दर्शनबोधत- २-1,866 विकिमिसकसे 1-111,114 | शुदवदेव चैतम्मे -५२, 359 | सम्यग्दर्शनबोधवृति 10,70

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