Book Title: Padmanandi Panchvinshati
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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२८२
पनवनि-पक्षाविधतिः
सम्यग्दर्शन
रखसंदिति रसायन रात्रिभोजन रात्रिभोजमवर्षन
७५ | पातन्द्रि २७ १३२
शिक्षारत नियमूति शीतक शी श्रीस्वस
राम
रोहण
११
और
सविधपत्रक
छोक
सुद्धमय
सम्पायोध १३1,118 सम्पन्च १४
सरस्वती
२२१ सर्वार्थसिद्धि ५,०१,१५२
संभव १५ संघम ११,१८-११,१२,१३०
संघमसाधन संयमी
104,२५० 100
संबर ""
संसार 11-४ संहनन १२२,
साधु • ५२ सामायिक १९८ साम्म
१,२२,२८ साम्पसरोवर
वर्धमान वसुमती वारसक्व वासुपूज्य विकार विकृति
| अनिमय
बादेश पुखोपयोग | भोपयोग
सात
१५.
किमक
शकार शाराविरस चौच
२३
१८
१५४
सिबज्योति
14.
१०५,९५.
पीवराग बीर मीरनाम्ची परिसुनीमन वेदनीय
FREERFEEEEEEEE
शुसदेवता भूति श्रेयस् प्रेमान श्रेया राजा
सुदर्शन सुख सुपाको
२२८
बेश्या
" ८३
सुबोध सुमति
पदकर्म
२०२ २२५
व्यवहारमय व्यवहारमार्ग व्यवहामार्ग ग्यसन ब्दसनिवास्याग व्यसनी म्याकरण व्यापी
सवित्तस्याग
[सचा १५५ सत्पात्रदान
२४८ २२७
१९41३९ १५५ सुनत
स्थितिमोजन स्वाहा स्वयम् खसंवेदन
सरलता १२-२१ स्वाध्याय
स्वाधुभूति २०५ १२१,१९. हिमवर
१८ हिंसा
114,1२८
५,७,२०,18. संतानाच
समता
समसार २१३
| समवसरण 10समाधि
प्रततीर्ष ब्रवी शक शरम प्रमियम
५१,१२
२२९ | समिति

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