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दूसरी शंका का समाधान.
( ३३ )
उनका खानपानादि कीतनीक आचारणा सुधर गई पर हांसी मस्करी ठठा करना सामान्य रूपसे बैसाका तैसा बना रहा जिसके फलरूप ओसवाल ज्ञातियों में एकेक कारण पाके उपनाम पड गये है जैसे
(१) सांढ सीयाल नाहार काग बँगला गरूड कुर्कट मिन्नी चील गदइया हंसा मच्छा बोकडीया हीरण बागमार बकरा लुंकड गजा घोडावत् धाडीवाल धोखा मुर्गीपाल वागचार इत्यादि पशुओं के नाम पर सवालों कि ज्ञातियोंके नाम पड गये पर यह तो कदा पि नहीं समझा जावे कि यह ज्ञातियों पशुओंसे पैदा हुई है यह फल केवल हांसी ठठाका ही है ।
(२) हथुडिया, साचोरा जालौरी सिरोहीया रामसेगा नागोरी रामपुरिया फलोदिया मेडतिया मंडोवरा जीरावला गुदोचा नरवरा संडेरा रत्नपुरा रूणिवाल हरसोरा भोपाला कुचेरिया बोरू दिया भिन्नमाला चीतोडा भटनेरा संभरिया पाटणि खीबसरा चामड ढेढिया चंडालिया पुंगलिया श्रीमाल इत्यादि ज्ञातियों निवास नगर के नामसे ओलखाई जाति है ।
(३) भंडारी कोठारी खजानची कामदार पोतदार चोधरी पटवारी सेठ मुहता कानुंगा शरवा रणधीरा बोहर। दफतरी इत्यादि जातियों राज के काम करनेसे क्रमशः उपनाम पड गये हैं ।
(४) घीया तेलिया केसरिया कपुरिया बजाज गुगलिया लुणिया पटवा नालेरिया सोनी चामड गान्धी जडिया बोहरा गुंदिया मणियार मीनारा सराफ झवरी पितलिया भंडोलिया धूपिया
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