Book Title: Nyaya Dipika
Author(s): Dharmbhushan Yati, Darbarilal Kothiya
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 371
________________ ; न्याय - दीपिका ग्रन्थकार का अन्तिम निवेदन मेरे कृपालु गुरुवर्य श्रीमान् वर्द्धमान भट्टारक के श्रीचरणों के प्रसाद से यह न्याय दीपिका पूर्ण हुई । २३० इस प्रकार श्रीमान् श्राचार्य वर्द्धमान भट्टारक गुरुकी कृपासे सरस्वती के प्रकर्ष को प्राप्त श्रीअभिनव धर्मभूषणाचार्य विरचित न्यायदीपिका में परोक्षप्रमाण का प्रकाश करने वाला तीसरा प्रकाश पूर्ण हुआ । न्यायदीपिका समाप्त हुई । 波

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