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आचार्य श्री आत्मा राम जी
महाराज
आप जैन श्वेताम्बर स्थानावासी श्रमण संघ के प्रथम पट्टाधीश थे । आप का जन्म पंजाब के एक छोटे से कस्बे राहो जिला जालंधर में हुआ । छोटी सी आयु में ही आपने स्थानवासी दीक्षा अंगीकार की । संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, गुजराती, धार्मिक साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन किया । अपने जीवन काल में आप ने 80 के करीब ग्रंथ जैन हिन्दी साहित्य को प्रदान किये । आप ने 20 आगमों पर टीका हिंदी भाषा में लिखी । आप काफी आगम प्रकाशित हो चुके हैं । प्रस्तुत आगम उनका अप्रकाशित आगम था । उपप्रवर्तनी साध्वी श्री स्वर्ण कांता जी भी इस की मुख्य सम्पादिका हैं । सम्पादक मण्डल में हैं, धर्म भ्राता श्री पुरूषोत्तम जैन, श्री रवीन्द्र जैन (मलेरकोटला) साध्वी श्री सधा जी की शिष्या साध्वी श्री स्मति जी म. M.A.. श्री तिलकधर शास्त्री जी सम्पादक आत्म रश्मि लुधियाना