Book Title: Nayamrutam
Author(s): Vairagyarativijay
Publisher: Bherulalji Kanaiyalalji Kothari Religious Trust

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Page 137
________________ श्रीहीरविजयाभिख्यः सूरिर्जयति भूतलम् । यद्गुणग्रामपीयूषास्वादवान्विबुधो जनः ।।२।।... राज्ये तदीयेऽखिलशास्त्रवेदिनः श्रीवाचकाग्रेसरधर्मसागराः । ... जयन्ति तेषां चरणप्रसत्त्या नयप्रकाशो विहितो मयाऽयम् ।।३।। चक्रे शास्त्रमिदं यत्नात् अग्निषट्चन्द्रवत्सरे । (१६७३) पद्मसागरसंज्ञेन बुधेन स्वात्मबुद्धये ।।४।। ।। नमोऽस्तु श्रीस्याद्वादवादिपर्षदे ।। .. Prastaataatatulatiotsavtanasaitantano v r wa. नयामृतम्

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