Book Title: Nana Deshdeshi Bhashamay Vijaychintamani Parshwanath Jinstotra
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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अनुसन्धान-५४ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-२
म करह गरव गमारडी दूबली दख्यण देस; मुंहि धुली देहि पांडरी की करिवु३२ थारु वेस. मकर० ६६ गोडीमंडण मरुधरा, महिमा महिमांहि जास, जाणहिं जगत्र जीराउलो तिमिरय३३ मंडण पास; ६७
ढाल [८] हवि पूरव देसनी पदमिनी, मनमोहन मेरे, बोलीअ बुद्धि विसाल, मनमोहन मेरे; रावण पासजी राजीउ, मनमोहन मेरे, अलवरि तेज झमाल३४ मनमोहन मेरे.
६८ सहरि हमारइ आगरइ, मन०, श्रीचिंतामणि पास, मन० श्रीहीरविजयसूरि थापिया, मन०, त्रिभुवनलीलविलास,
मन० ६९ पंच कल्याणक जिन तणा, मन०, देस हमारइ हाथि, मन० अहिछत्रा तीरथ बडु, मन०, मेलइ हो सिवपुर साथ,
मन० ७०
दूहा.
सोरठडी सुंदर भणइ, देश अमीणि३५ जोडि; काणु को जगि आवसइ, जिहां से@ज गुणकोडि. ७१
ढाल [९] इणि परि वाद करंतडी, निरखी सयल संघ नारि, जिनजी; प्रथम पूजानि कारणि, श्रीपास तणइ दरबारि, जि० जयु जयु विश्व चिंतामणि त्रिभुवन मोहनगार, जि० ७२ जुओ गूजरधरि गाजतो, श्रीशंखेश्वर पास, जि० थंभण पासजी राजीउ, पूरइ त्रिभुवन आस, जि० जयु०७३ ए तीरथ जीरण सवे, जस सिर जीरण मुनिवास, जि० इणि युगि अदभुत प्रगटिआ, श्रीविजय चिंतामणि पास,
जि० जयु० ७४ इणि युगि किणिहिं भरावीआ, चोमुख जिनवर देव, जि०

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