Book Title: Nana Deshdeshi Bhashamay Vijaychintamani Parshwanath Jinstotra
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 21
________________ फेब्रुआरी २०११ नाखीए देशं पूजशं पाइउं क. ५३ असां डेह अमारा देशमां मंझि (मिज) अंदर, -मां आयइडेहि (आं-जडां) तमारा देशमां क्यहां (क्या) क्या डेहर क. ७८ पहिरि पहेला ? पोइ (पोय) पछी अइं तमे पूजिंदा (पूजींधा) क. २९ कोरो-कुज्याडउ मारवाडी शब्दो तुथे (५४) तमे माउए (?) (५६) दवाजा (५५) शोभा, ठाठ जटइ (५६) ज्यां तठइ (५६) लठी (५६) क्यांय असड़ी (५८) आवी मराठी शब्दो क. ६२ काइ (काय) हो, रे जेवो पादपूरक ? ___शब्द जणाय छे. सांगितुसि (सांगतोस) तुं कहे छे पासोबा पार्श्वनाथ भगवान थोरला त्यां मोटा

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