Book Title: Nana Deshdeshi Bhashamay Vijaychintamani Parshwanath Jinstotra
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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फेब्रुअरी २०११
भुझीअ (भुछी)
गाल्यि, गालि ( गाल)
अशांशी (असांसे)
आमई (आमें)
झप्भरी (जभरी)
ज्यंतती
आछ्यां
त्रांकड़-त्रांगड़
दिसंदी (डिसंधी)
मंगती (मंङ धल)
क. ४३ अचीण (अचीने) मुंहि (मोंमें)
भोइ भोइ (भॉ भॉ)
आंज्यो (आंजो)
हेड़ी
काहो (कयो)
गाला
क. ४४ आंजी
परि
बूझ्य ं (बुझुं)
असई (असीं)
निसगारी
क. ४५ वाति
लख (लिख)
लिखडी ( )
च्यंगो (चंगो)
भक्खड़ (भुक्ख) भुच्छड़ (भुच्छो)
खराब
वात
अमाराथी, अमारी साथे
तमारामां
जबरी, माथाभारे
?
?
?
देखाती, देखशे
मांगनार, मांगती
आवीने
मोढामां
हा, हा
तमारो
आवी
करो
वात
तमारी
जेम
जाणी
अमे
अपवित्र, गंदुं मोंमां
जराक, अल्प
सारुं, खासुं
सुंदर
गरीब, कंगाल
दुष्ट
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