Book Title: Nana Deshdeshi Bhashamay Vijaychintamani Parshwanath Jinstotra
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 19
________________ फेब्रुअरी २०११ भुझीअ (भुछी) गाल्यि, गालि ( गाल) अशांशी (असांसे) आमई (आमें) झप्भरी (जभरी) ज्यंतती आछ्यां त्रांकड़-त्रांगड़ दिसंदी (डिसंधी) मंगती (मंङ धल) क. ४३ अचीण (अचीने) मुंहि (मोंमें) भोइ भोइ (भॉ भॉ) आंज्यो (आंजो) हेड़ी काहो (कयो) गाला क. ४४ आंजी परि बूझ्य ं (बुझुं) असई (असीं) निसगारी क. ४५ वाति लख (लिख) लिखडी ( ) च्यंगो (चंगो) भक्खड़ (भुक्ख) भुच्छड़ (भुच्छो) खराब वात अमाराथी, अमारी साथे तमारामां जबरी, माथाभारे ? ? ? देखाती, देखशे मांगनार, मांगती आवीने मोढामां हा, हा तमारो आवी करो वात तमारी जेम जाणी अमे अपवित्र, गंदुं मोंमां जराक, अल्प सारुं, खासुं सुंदर गरीब, कंगाल दुष्ट ९७

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