Book Title: Nana Deshdeshi Bhashamay Vijaychintamani Parshwanath Jinstotra
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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धुंसट्या (७)
अंबराइ (१२)
चुबखेर (१४)
ठेपाडुं (१९)
फूली (२०)
राखडी (२०)
नागला (२१)
भूंछ (२२)
जाब (२५)
छोति (२८)
सांइ (२८)
बूकइ (३०)
अचिरय (३४,३७)
माटी (३५)
सालणइ (४०)
साहमिणि (५४)
भ्रमनेहि (५४)
बलगाती (५४)
जीरण (७४)
मुहुल (७९)
दवाजा (८५)
अनुसन्धान- ५४ श्री हेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - २
रंगायेला ?
आंबवाडियुं, अमराइ
चारे बाजू
लांबुं, पहोळु, जाडुं कापड, स्त्रीओनुं अधोवस्त्र
नाकनुं घरेणुं, चूनी
सेंथामां पहेरवानुं घरेणुं
काननुं घरेणुं
मूर्ख
छीछरा पाणीवाळी जमीन ?
छूत, स्पर्शास्पर्श
आलिंगन
घूरके, घुरकाट करे नवाई, आश्चर्य
पति
शाक, व्यंजन वडे
समानधर्मी स्त्री
धर्मस्नेही
?
जूनुं
?
शोभा, ठाठ
कच्छी शब्दो
(कौंसमां वर्तमान कच्छी उच्चार आप्यो छे.)
क. ९ अशीं (असीं)
किं (कीं) कहु (कॉ)
कुछीअ (कुछेआ, कुछइ)
अमे
केम, शुं
केम, शा माटे
बोल्या, बोली

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