Book Title: Murti Mandan Prakash
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 38
________________ (३६) हम इस पुरुपार्थ से किसमतकी रेखा टार सकते हैं ।। ७॥ अगर हिम्मत करो और इम्तिहांमें पास होजावो । तो कर्मों के पुराने सारे पर्चे फाड़ सकते हैं ।। ८॥ करम सागरको करना पार न्यामत गर्चे मुशकिल है । मगर जिनधर्म के चप्पू से नैय्या तार सकते हैं ॥९॥ m Mutumaram men ३ a woman श्री विश्नुकुमार जी मुनिराजने हस्तनापुरके वनमें सातसौ मुनियों को मागमें जलने से बचाया और इस उपसर्ग निवारण को यादगारमें जो भाजतक सलूनो त्योहार मनाया जाता है इसका हाल इस भजनमें दिखलाया गया है। चाल-कहां लेजाऊं दिल दोनो जहां में इसकी मुशकिल है। फलकपर जिस घड़ी टूटा सितारा वनमें मिथलाके ॥ हिला नक्षत्र शर्वण एकदम गरर्दू हिलाने को ॥ १ ॥ लखा मुनिराजने बेसाख्ता निकला जुबांसे हा॥ तो छुल्लकजीनेकी अर्दास सब कारण बतानेको॥२॥ मुनी बोले जुलम दुनियामें ऐसा होने वाला है। कयामत होरही है बस समझ तय्यार आनेको ।। ३ ।। हस्तनापुरके बनमें सातसौ साधू जो आए हैं । कमर बांधी है बलराजाने अग्नीमें जलानेको ॥ ४॥ श्री विश्नुकुमर मुनिराजको है विक्रिया ऋद्धी ॥ वही सामर्थ हैं इस वक्त ऋषियोंके बचानेको ।। ५ ।। . सुना यह माजरा जिसदम श्री महाराज छुल्लकने । - woman w ma am -

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