Book Title: Mruccha Katikam Author(s): Sudraka, Prithvidhara, Hiranand Mulraja Sarma, Kashinath Pandurang Parab Publisher: Tukaram Javaji View full book textPage 7
________________ ॥श्रीः॥ श्रीशूद्रककविविरचितं मृच्छकटिकम् । --- - - पृथ्वीधरकृतया व्याख्यया समेतम् । टिप्पणीभूमिकासुनिष्पादितनिर्वचनादिभिरलङ्कृतम् । हीरानन्द मूळराज शर्मा शास्त्री, एम्. ए. काशिनाथ पाण्डुरङ्ग परब इत्येताभ्यां संस्कृतम् तच मुम्बय्यां निर्णयसागरयन्त्रालयाधिपतिना स्वकीय यन्त्रालये मुद्रयित्वा प्राकाश्यं नीतम् । शाके १८२४ सन १९०२. अस्य ग्रन्थस्य सर्वेऽधिकारा निर्णयसागरयन्त्रालयाधिपतिना खाधीना एव रक्षिताः । मूल्यं रूप्यकद्धयम् ।Page Navigation
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