Book Title: Mohan Charitam Author(s): Damodar Sharma Publisher: Damodar Sharma View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मो सुरधेनुं तृणायते॥ए॥ तत्रास्ति मथुरा नाम मथितारिनुपाविता॥ राजन्वती राजधानी राजद्वन्दनिषेविता ॥३०॥ तीर्थे श्रीशीतले-10 शस्य हरिनामा नृपोऽनवत् ॥ बहवस्तवंशनवाः पालयन्ति स्म यां चिरम् ॥३१॥ ततस्तदीये वंशेऽनू-न्मुक्ताहारोपमो नृपः॥ नाम्ना यउरिति ख्यातो यशोधवलिताम्बरः ॥३२॥ यदोराविरनूद्यस्यां यउवंशोऽतिविस्तृतः ॥ श्रीमता नेमिविनुना पावितो निजजन्मना । ॥ ३३ ॥यस्यां श्रीजिननशख्यैर्गणिनिर्वाचनाकृत॥ तदादि प्रथिता लोके माधुरी वाचना किल ॥ ३४॥ मदवाची मकारः स्याशकारो रागवाचकः ॥ यन्निवासी थूत्करोति माविमौ मयुरा ततः ॥ ३५॥MIn3॥ तस्याः प्रतीच्युत्तरस्यां गव्यूतिदशकान्तरे ॥ पुरं चन्पुरं नाम वि For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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