Book Title: Mantungacharya aur unke Stotra
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 145
________________ १२८ मानतुंगाचार्य और उनके स्तोत्र (६) चतुरविजयमुनि (७) चौधरी, डा. गुलाबचन्द्र १९३२. (€) Descriptive Catalogue of Manuscripts in the Government Manuscripts Library, Vol. XIX, Sec I, Hymnology, Bhandarkar Oriental Research Institute, Poona 1962, pp. 2-27. (७) जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास, खण्ड २, धार्मिक साहित्य, उपखंड १, ललित साहित्य (गुजराती), श्री मुक्तिकमल-जैन-मोहनमाला: पुष्प ६४, वडोदरा १९६८, प्र० २७, “श्रव्य काव्यो', स्तुति-स्तोत्रो, पृ० ३१३-३१९ तथा प्र० ३१ "श्रव्य काव्यो', '(अ)जैन कृतिओनी पादपूर्ति, भक्तामर-स्तोत्रनी पादपूर्तिरूप काव्यो [२२]', पृ० ४३४ ४४०. जैन स्तोत्रसन्दोह (प्राचीन-स्तोत्र-संग्रह), द्वितीयो भाग, अहमदाबाद १९३६, ‘प्रस्तावना' (गुजराती), पृ० १२-१४. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला, २०, वाराणसी १९७३, “प्रस्तावना," पृ० ५६१५७०. (१) “भक्तामरस्तोत्र की श्लोक संख्या," जैन संदेश, शोधांक २९, भाग ४१, संख्या ४०, 'शोधकण' ३, मथुरा, फरवरी १९७१, पृ० २१८-२२०. (२) “प्रस्तावना,” सचित्र-भक्तामर-रहस्य (सं० पं० कमलकुमार जैन शास्त्री 'कुमुद'), बृहद् संस्करण, दिल्ली १९७७, पृ० १८-४०. “संपादकीय,” भक्तामरस्तोत्र, (दिल्ली १९५६) , पृ० ९-२६. (१) भक्तामररहस्य (गुजराती), (सं० पं० धीरजलाल टोकरशी शाह), अहमदाबाद १९७१, ‘पंचमो खण्ड, काव्य समीक्षा' (गुजराती), पृ० ३८७-४०८. (२) "भक्तामर स्तोत्र समीक्षात्मक सर्वेक्षण' (गुजराती), जैनरत्नचिंतामणि, सं०, नन्दलाल बी० देवलुक, श्री अरिहंत प्रकाशन, भावनगर १९८५, पृ० ८४७-८५१. (१) “श्री भक्तामर स्तोत्र” (गुजराती), जैन सत्य प्रकाश, वर्ष (८) जैन, डा० ज्योतिप्रसाद (९) जैन, हीरालाल ‘कौशल' (१०) त्रिपाठी, डा० रुद्रदेव (११) त्रिपुटी मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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