Book Title: Mantungacharya aur unke Stotra
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

View full book text
Previous | Next

Page 144
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची (१) साम्प्रतकालीन लेखक (अ) भारतीय (हिन्दी / गुजराती / संस्कृत) (१) आनन्दसागरसूरि सागरसमाधान भाग १, (गुजराती), आवृत्ति बीजी, सुरत वि० सं० २०२८ (ईस्वी १९७२), पृ० २८६-२८८. (प्रथमावृत्ति का समय हमें मालूम नहीं है । उस वक्त सूरिजी का अभिधान बाद के सागरानन्दसूरि के बजाय शायद आनन्दसागर रहा हो ।) (२) उपाध्याय बलदेव संस्कृत साहित्य का इतिहास, प्रथम भाग, काव्य-खण्ड, दशम संस्करण, वाराणसी १९७८. (३) कटारिया, रतनलाल जैन निबन्ध रत्नावली, ले० श्री मिलापचन्द्र कटारिया (व) श्री रतनलाल कटारिया, श्री वीर शासक संघ, कलकत्ता-वाराणसी १९६६, पृ० ३३४-३४२, “भक्तामर स्तोत्र" तथा वही ग्रन्थ, ‘परिशिष्ट', पृ० ४३८. (४) कल्याणविजयमुनि (१) श्री प्रभावक चरित (गुजराती भाषान्तर), श्री जैन आत्मानंद ग्रन्थमाला नं० ६३ भावनगर वि० सं० १९८७ ( ईस्वी १९३१), "प्रबंधपर्यालोचन' पृ० ६८-७० तथा, “मानतुंगसूरि प्रबन्ध" पृ० १७२-१८३. (२) पावली-परागसंग्रह, द्वितीय परिच्छेद, जालोर १९६६, पृ० १४०-१४१. (५) कापड़िया, हीरालाल रसिकदास (१-२) भक्तामरस्तोत्रपादपूर्तिरूपकाव्यसंग्रह प्रथम विभाग, तथा द्वितीय विभाग, आगमोदय समिति, मुंबई १९२६, १९२७. (३) “स्तुति स्तोत्रोतुं पर्यालोचन” (गुजराती), जैनयुग, वैशाख १९८३ (ई० स० १९२७), पृ० ४४६-४५०. (४) स्तुति-चतुर्विंशतिका, कर्ता शोभनमुनि, आगमोदय समिति, सूरत १९२७. (५) भक्तामरकल्याणमन्दिरनमिउणस्तोत्रत्रयम्, श्रेष्ठि देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड श्रेणी, ग्रन्थांक ७९, सूरत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154