Book Title: Mantungacharya aur unke Stotra
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 146
________________ सन्दर्भग्रन्थ-सूची (१२) दर्शनविजय मुनि (१३) देसाई, मोहनलाल दलिचंद (१४) पं०, दुर्गाप्रसाद और परब, काशीनाथ पाण्डुरङ्ग (१५) नवाब, साराभाई मणिलाल (१६) नाहटा, अगरचन्द (१७) प्रजापति, डा० मणिभाई इ० Jain Education International १२९ ८, ई० स० १९४२, अंक १, पृ० २५-२८. (२) जैन परम्परानो इतिहास, (गुजराती), खण्ड १, वि० सं० २००८ (वीर सं० २४७९), ई० स० १९५२, पृ० ३६२३६८. " दिगम्बर शास्त्र कैसे बने ? प्रकरण ११ आ० श्री मानतुंग सूरि" (हिन्दी), जैन सत्य प्रकाश, पु० २, अंक १०, १९३७, पृ० ५१६-५१८. जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, मुंबई १९३२. " श्रीमानतुङ्गाचार्य विरचितं भक्तामरस्तोत्रम्" (संस्कृत), काव्यमाला, सप्तम गुच्छक, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई १८९६, पृ० १-१०. " भक्तामर स्तोत्र,” गुजराती, पूर्वाचार्य विरचित महाप्रभाविक नवस्मरण, श्री जैन प्राचीन साहित्योद्धार ग्रन्थावली पुष्प ६, अमदाबाद १९३८, पृ० ३१५-४५९. ( १ ) " भक्तामर स्तोत्र के श्लोकों की संख्या ४४ या ४८ ?" (हिन्दी), श्रमण, वर्ष २१, अगस्त १९७०, अंक १००, पृ० २७-३१. (२) "भक्तामर स्तोत्र के पादपूर्तिरूप स्तवकाव्य" (हिन्दी), श्रमण, वर्ष २१, सितम्बर १९७०, अंक ११, पृ० २५-२९. (३) " भक्तामर के ४-४ अतिरिक्त पद्य" (हिन्दी), जैन संदेश, शोधांक २९, मथुरा १९७१, पृ० १९९-२०२. (४) "भक्तामर कल्याणमन्दिर उभय पादपूर्ति - रूप पार्श्वनाथ स्तोत्र" (हिन्दी), जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग ३२, किरण २, आरा दिसम्बर १९७९, पृ० १०-१५. (५) “भक्तामर स्तोत्र और वैदिक स्तुतियों का तुलनात्मक अध्ययन आवश्यक" (हिन्दी), सन्मति वाणी, वर्ष ८, अंक ११, इन्दौर मई १९७९, पृ० २१-२२. " जैन साहित्यमां अद्भुत एवं स्तोत्र साहित्य" (गुजराती), जैनरत्नचिंतामणि, सं० नन्दलाल बी० देवलुक, श्री अरिहंत प्रकाशन, भावनगर १९८५, पृ० ६८४-६९३. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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