Book Title: Mantungacharya aur unke Stotra
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre
View full book text ________________
१३२
मानतुंगाचार्य और उनके स्तोत्र
१२.
“मानतुंगाचार्य-प्रबन्ध,” पृ० ४४-४५. (३) पुरातन प्रबन्ध संग्रह सं० जिनविजय मुनि, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थाङ्क २,
कलकत्ता १९३६, “श्रीमानतुंगाचार्यप्रबन्ध,” पृ० १५-१६. (४) भक्तामरस्तोत्र विवृत्ति (कर्ता रुद्रपल्लीय गुणाकर सूरि), सं०. हीरालाल रसिकदास
कापड़िया, भक्तामरकल्याणमन्दिरनमिउणस्तोत्रत्रयम्, श्रेष्ठि देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार ग्रन्थाङ्क ७९, सूरत १९३२.
(३) पट्टावलियाँ (१) श्री पट्टावलीसमुच्चय प्रथम भाग, सं० मुनि दर्शनविजय, वीरमगाम १९३३. (२) श्री पट्टावली समुच्चय भाग बीजो, सं० मुनि श्री ज्ञानविजय, अमदाबाद १९५०. (३) विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह प्रथम भाग, सं० जिनविजय मुनि, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थाङ्क
५३, बम्बई १९५३. (४) गुर्वावली
(कर्ता मुनि सुन्दरसूरि), श्री यशोविजय ग्रन्थमाला(४), काशी
वि० सं० २४३१ (ई० स० १९०४). (४) आगम और आगमिक साहित्य (कालक्रमानुसारेण) (१) दशवैकालिकसूत्र दसवेयालियसुत्तं, उत्तराझयणाई, आवस्सयसुत्तं, सं० पुण्यविजय
मुनि, श्री महावीर जैन विद्यालय जैन आगम ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक
१५, मुंबई १९७७. (२) उत्तराध्ययनसूत्र
वही. (३) ऋषिभाषितानि इसिभासियाई, Ed. Walther Schubring, L. D. Series 45,
Ahmedabad 1974. (४) स्थानांगसूत्र
ठाणंग सुत्तं समवायांग सुत्तं च, सं० मुनि जम्बूविजय, श्री महावीर
जैन विद्यालय, जैन आगम ग्रन्थमाला, गन्थांक ३, मुंबई १९८५. (५) समवायांगसूत्र
वही. (६) औपपातिक सूत्र आगमोदय समिति, मुंबई १९९६. (७) आवश्यकनियुक्ति (भाग १-२), मुंबई वि० सं० २०३८ (ई० स० १९८२). (८) विशेषावश्यकभाष्य (कर्ता जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण), द्वितीय भाग, सं० दलसुख
मालवणिया, लालभाई दलपतभाई श्रेणि, क्रमांक १४, अहमदाबाद
१९३८, पृ० ३४१. (९) आवश्यकचूर्णि सं० आनन्दसागर सूरि , रतलाम १९२८, पृ० ३२५-३२६.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 147 148 149 150 151 152 153 154