Book Title: Manav Dharma Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Mahavideh Foundation View full book textPage 1
________________ दादा भगवान प्ररूपित मानव धर्म मानव धर्म अपनाइए जीवन में ! मानव धर्म अर्थात् हर एक बात में उसे विचार आए कि मुझे ऐसा हो तो क्या हो? किसी ने मुझे गाली दी उस समय मैं भी उसे गाली ,, उससे पहले मेरे मन में ऐसा होना चाहिए कि यदि मुझे ही इतना दुःख होता है तो फिर मेरे गाली देने से उसे कितना दुःख होगा!' ऐसा सोचकर वह समझौता करे तो निबटारा हो। यह मानव धर्म की पहली निशानी है। वहाँ से मानव धर्म शुरू होता है। इसलिए यह पुस्तक छपवाकर, सभी स्कूलों कॉलिजों में शुरू हो जानी चाहिए। सारी बातें पुस्तक के रूप में पढ़ें, समझें तब उनके मन में ऐसा हो कि यह सब हम जो मानते हैं, वह भूल है। अब सच समझकर मानव धर्म का पालन करना है । मानव धर्म तो बहुत श्रेष्ठ वस्तु है। - दादाश्री Rs.5 9788189-933142"Page Navigation
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