Book Title: Mahavira Vardhaman
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 7
________________ - NAGAU - - ADURG ENERALDARADUNon-Marwanam भासीरंवंतोंथघ्रतश्वतोमातोप्परतंत्र बंताबक्षीसंबासमहानसाश्चास्वस्तिः॥२०॥ रतिस्वस्तिमंगलविधान सार्बःसर्वजनाथःस कलननसांपापसंतापहना त्रैलोक्याक्रांतीकी तिःछिमदनरिपुनिकर्मषणाशा श्रीमान सिंपनवरयुवतिकरालीदकंवमुकंदै वंदैईधपादोजयतिजिनपतिः पानकल्याण पुनः॥उंजयात्रीसक्रांतिजाभोजगताप ने जयरामनानेवस्वामिभवांभसिमजतो जयः महामोहहीतषभावरुतेरचनाजय जिनेशलेनाथलसीदकरोम्पहाताचार्यजिनचर्णाम्नेष रिएण्यांजलिंक्षिपेत् जिनवरारजनपति देवीश्रीश्रुतदेवतेभगवतित्वत्पादपंकेरह ई दयामिशिलीमरखत्वमपरंभपामयांपार्थते मातश्चेतसिविएमेजिनमुखोदूसरावाहि माहगरानेनमयिषशीरभवनिसंपल्यामो नाइल्युत्वार्थ पुलकानेपरिपुब्यांजलिक्षिरे नानिनिरजनशतिजा संरजयामिर ज्यस्यापारयन्नायगंगुरोः पचत्रिपतिलस्प गरिसस्पमहात्मनःनिवार्यगुरुपादानेष र रियांजलिंसपेन्।गुरुवरणारजातादि का amaAARtor - mar. Nok m memop ।

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