Book Title: Mahavira Vardhaman
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 6
________________ - यजीस्वस्तिास्वस्तीश्रीनेमिनाथजीश्रीपाच नाथजीसस्तिास्वरित श्रीवईमानजी शानिया पकंपादूतकेवलोपास्करन्मनःपर्ययशुधवो धा दिव्यावधिज्ञानवलभवोधास्वस्तिक्रियासुः परमरर्ययोनाकोठसधान्योपममेकवीज संभिनसंश्रोतपदानुसारी।चतुर्विधबुधिवले दधानास्वस्तिक्रिमा२॥संस्पर्श संश्रवणच दुरादास्वादनाघोण विलोकनानिदिव्यान्म निज्ञानबलाइह तस्वस्लिापज्ञाप्रधानाव गांसमसाायतकबुहादशसर्वराषवादिनी दांगनिमन्त्रविज्ञास्वस्तिकिलाप्रणिमिद साकुशलामहिनिलधिनिसकारुतिनोगरी नामनोवपुर्वाग्वलिनश्चनिया स्वस्ति शस कॉमररुपिलवशिखमैश्यापकाम्पमताईनथा 'मानानथापतीघातगणपधानास्वस्तिक • शाफलावुनंतासुन विनाक्रुरुषा रुपणशानभौगुगोचरनिहारिणशास्वस्ति॥७/ पंचततंचमहातयोग्नापोरंतपोधोरपराकम शाब्रह्मापरं घोरगुणास्वरंनास्वस्तिमात्राम सावधयस्तथासोवियंवियांदृषिवियांति यश्चासवितबिजनमलोयधीश्चास्वस्ति०॥ - - -

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