Book Title: Mahavir Pat Parampara
Author(s): Chidanandvijay
Publisher: Vijayvallabh Sadhna Kendra

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Page 5
________________ नमन गुरु पाट परम्परा को नमन बहुरत्ना वसुंधरा को जिनका सम्यक् दर्शन सम्यक् ज्ञान सम्यक् चारित्र आज भी हमें आलोकित करता है जिनका निर्मल संयम जीवन आज भी हमें गौरवान्वित करता है श्रद्धा समर्पण युक्त होकर कषाय कालिमा मुक्त होकर वन्दन हो वन्दन हो वन्दन हो...

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