Book Title: Mahavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 359
________________ [४] दीघनिकाये महावग्गटीका [अ-अ] अनुलोमतो-७६ अनुसासनपुरोहितोति - २०७ अनेकजातिसंसारन्तिआदि - ५० अनेकन्तपच्चयाभावतो-२८८ अनेकविधन्ति-१९३ अनेकसाखन्ति-२६ अनोगाळ्हपञानन्ति-३०४ अन्तकरोति-१४७ अन्तन्तेनेवाति-१५३ अन्तरधानं-२८५,३१२ अन्तरामग्गे-१८९ अन्तेपुरस्स-१७७ अन्तेवासिकोति-२८४ अन्तोति-२६० अन्तोनिमुग्गपोसीनी-५६ अन्तोसमापत्तियं-१४३ अन्धकारा- २३,२४३ अन्वावट्टना-१९४ अन्वासत्तोति-११ अपगतकाळकन्ति-६२ अपचयायाति-१४९ अपदेसा-१४७ अपनुज्जाति-२०३ अपनेत्वाति-२५,१७९ अपनेसीति-१५९ अपब्बाजितत्ताति-६६ अपब्यूळ्होति-१३० अपरनेय्यबुद्धिनो-१९१ अपराधानुरूपं -१०९ अपरिच्छिन्नदुक्खानुभवनं-१६० अपरिनिहिता-१५८ अपरिहानिया-१११ अपलिबुद्धत्ताति-३६ अपायदुक्खं-३०८ अपायभयपच्चवेखणा-११५ अपायभूमि-२१७ अपायाति-८१ अपारगङ्गायाति-१६० अपिहितचित्ते-६२ अप्पटिपुग्गलो-१४० अप्पटिसंवेदनोति-९७ अप्पनाकम्मट्ठानं-२८७ अप्पनाझानुप्पादनन्ति-१४३ अप्पनाति-३०३ अप्पमाणाति-१३८ अप्परजक्खजातिकाति--५४,५५ अप्पवत्तीति-२७६,२८० अप्पस्सादाति-६१ अप्पहीनद्वेनाति -९६ अप्पिच्छतायाति-१४९ अप्पेति-८५ अप्पेसक्खाति-२१२ अप्फोटनं-२७ अब्भन्तरेति-३१२ . अब्यग्गो - ३०७ अव्यभिचारीति-२७, ८४ अब्रह्मचरियवत्थुपटिसेधो-२४ अभब्बाति-२२४ अभयत्थेरोति-३०० अभिज्झादोमनस्सस्स-२७६ अभिजात्राणविभवो-२ अभिज्ञासमापत्तिनिप्फादनं-१८ अभिण्हन्ति-१२६ अभिधम्मदेसना-११ अभिधम्मनयेन-२१०,२९८ अभिधम्मपाठतो-१९२ अभिनन्दन्ति-५२,२१३ अभिनवविपस्सनं-१५४ अभिनिब्बत्तीति-३११ अभिनिविट्ठस्स-८७ अभिनिवेसो-४३, ३२२ अभिनीलनेत्तोति-३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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