Book Title: Mahavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 365
________________ [१०] कथेतुकम्यतापुच्छा - ८४, २०२, २२०, २६९ कदरियाति - २०४ कनिभाताति - १०, ७४ कन्ततीति - २०१ कम्मकारणिकसत्तेसूति - ३२५ कम्मक्खमचित्तेति - ६२ कम्मजतेजो - २८६ कम्मरूपं - ९२, २४९ कम्मजवाता १७ कम्मट्ठानन्ति - १६४ कम्मधारयसमासो - ८२ कम्मनियचित्ते - ६२ कम्पनियामो - २२ कम्मनिरोधोति - ४८ कम्मफलसद्धाय - १८०, ३३० कम्मभवो - ५६, ८६ कम्ममयन्ति - ३८ कम्मरता - ११३ कम्मविपाकजन्ति - ३८ कम्मविपाकजिद्धिया - १३९ कम्मसाधनोति - १३७ कम्मस्सकताञाणे- - २ कम्मस्सकतापच्चवेक्खणं - ३०९ कम्मस्सका - २९३ कम्मावरणेनाति - ५७ कम्मासपादोति - ७१ करणन्ति - ८८, ३२७ करणिद्धिभावं - १९१ करुणाझानमग्गोति- २११ करुणाझानसङ्घातो - २११ करुणाब्रह्मविहारभावनं - २०८ करुणूपायको सल्लपरिग्गहादिना - २ करेरिमण्डपोति - १ कलापो - १६३ कल्याणमित्तता - २९३ कल्याणीति - २३१ दीघनिकाये महावग्गटीका Jain Education International कल्लचितेति - ६२ कसिणज्झानानि - १८३ कसिणनिमित्तं - १४२, १४५ कस्सपसुत्तेन - १७० काकस्सरापि - ३६ कातब्बकम्पन्ति - ११३ कातब्बयुद्धकथं - १११ कामगुणूपसंहितं - २४ कामच्छन्दनीवरणन्ति - २९२ कामतण्हा - ८८ कामदेवलोके - ५४ कामधातु - १२६ कामभवो - ८६, १२७ कामरागपटिघसंयोजनानि - ७८ कामरागपटिधानुसया - ७८ कामरागुप्पत्ति - २९८ कामरागो - १६०, २३४, २९७ कामावचरकुसल चित्तं - २९० कामावचरविपाकवेदनानं - ८९ कामावचरवेदना - ८९ कामूपसंहिता – ६१ कामोघब्यापादकायगन्धयोजनायं - २६८ कामोघभवोघादिभेदं - ५० कायकम्मं - ११६, ११७, १२० कायकलहो - ८८ कायकिलमथो - ५२ - १६१ कायगतासति - कायगतासतिअमतपटिलाभो - २९ कायचित्तपरिळाहानं - ११५ कायदुक्ख - १२९ कायन्ति - २८४ 10 कायबलं - १४६ काय भावनाति - २७३ कायविञ्ञत्तिं - २८१ कायविनमनाति - २९३ कायविपत्तियाति - १८० For Private & Personal Use Only [ क क] www.jainelibrary.org

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