Book Title: Lokvibhag
Author(s): Sinhsuri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 300
________________ विशिष्ट-शब्द-सूची [ २४५ १७१ ७२, ७३, १०४ पृष्ठ शब्द २३ कालावर्ता ३५ कालोद ३५ कालोदक १६७ कालोदकजगती ५० कांक्षा ७६, ७९, ८० कांचन ८१ ७९ कांचनकूट १६८, १८६ कांची १४०, १९३ किलकिल १४०, १८५, १९३ किल्विषिक ८१ किंनर १५४ १८, १९, २५ ६३, ८०, १७७ २२५ १३८, २०७ १६५, १६६, १६७, १६९, १७२ १६७ ५२ कन्दर्प ३ १६७ ३० कमलांग १६६, १६७, १६९ १७३ शब्द पृष्ठ शब्द उत्तरार्ध ऐरावत ९कच्छा उत्तरार्ध भारत ४ कज्जलप्रभा उत्तराषाढ १२३ कज्जला उत्तरेन्द्र १९४, १९५ कदम्ब उत्पन्नक १७४ कदम्बक उत्पलगुल्मा ३३ कनक उत्पला ३३, १६७ कनकचित्रा उत्पलोज्ज्वला ३३ कनकप्रभ उत्सर्पिणी ८३, १०१ कनकप्रभा ५२ कनकमाला उदकराक्षस १६८ कनकश्री उदकसुर ५२ कनका उदधिकुमार १३५ कनकाभ उदवास उदवास सुर ५२. कपोतलेश्या उद्भ्रान्त १४८ कमल उन्मत्तजला २२ कमला उपनन्दन उपपाण्डुक ३० कराला उपपात २२० कर्म उपपातसभा ४६, २०३, २०५ कर्मभूमि उपसौमनस ३० कल्प उपेन्द्र १३७ कल्पज कललोक १,१७४, १७६, २२४ कल्पवासी ऊमिमालिनी २२ कल्पवृक्ष ऋक्ष १०२ कल्पाग ऋतु १२८, १८२ कल्पातीत ऋतुविमान १७६, १७७ कल्पोद्भव ऋद्धीश १७७ कषाय एकनासा ८१ कापित्थ एकशेल २१ कामपुष्प ऐरावत २,१७,१००, १९५ कामिनी ऐरावत कूट ९काम्या ऐरावतेश २०४ कार्तिक १७३, १७५, १८४, २०१काल २०५, २०९, २२३ ओषधी २४ कालकान्ता औपपातिक १६५ कालप्रभा कच्छकावती २३ कालमध्या कच्छ कूट २० काला २०७ किंनरकिनर १६० किंनरगीत ८९, ९७ किंनरोत्तम १६७ किनामित ९७ किंपुरुष १७२ २२० कीति ९२, ९७, १६० कीर्तिकूट ८३, १८४ | कुण्डल १७५ कुण्डलाद्रि २१८ कुण्डल शैल ८४ कुण्डल द्वीप ८५ कुण्डला ७२, ८१ ३७, ८२ १७५ कुदृक् १७४| १६८ ३१, १९७, १९९ ५३ ४, १९, ८०, ९१ १५९ कुन्दा १८८, १९४ कुबेर कुमानुष २०७कुमुद २०७ ७८ ११५ कुमुदा ७३, ७५, ८३ १५०, कुमुदाभा १६६, १६७ कुमुदांग १७१ | कुरु १७१ कुलकर १७१ कुलकृत् १७१ कुलधर २३, ३६ ३६ ९१, ९० १७, १८, ७४ ८७, १०१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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