Book Title: Lokvibhag
Author(s): Sinhsuri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 307
________________ २५२] लोकवियांमः १७७ पृष्ठ | शब्द २२५ रोहित रोहिताकूट | रोहितास्या १६६, १६८, १६९, रोहितास्याकूट १७३ रोहित् १६८ रौद्र १७१ रौरव ७३ रौहिण १२८ १४८, १५० १२८ २२५ लक्षण योग १०, ८० ८१ लक्ष्मणा ८१ लक्ष्मी १६१ लक्ष्यीकूट १९३ लघुपराक्रम १९३ लता १०३, १०४, १२५ लतांग २, १० लल्लकी शब्द पृष्ठ | शब्द यमकट १७ रविसुत यमका वेदिका ७९ रसदेवी यशस्वान् १६८ रसमेघ यशस्वी ९१ राक्षस यशोधर १७७ यशोधरा ८० राक्षस राक्षस यानविमान २०५/राजधानी १२१, १२८ राजु युगादिपुरुष ९६ राजोतर यूपकेसर ५० राज्य राज्योत्तम रक्त १२५ राम रक्तकम्बला रामरक्षिता रक्तवती २४ रामा रक्तवती कूट 'रक्ता १०, २४, ३६ रुग्मी रक्ताकूट ९/रुग्मीकट रक्तोदा रजत ३२, ७९, ८०, १७२, २०६| २० रुचककान्ता रजताभ रुचककीर्ति रज्जु १४५, २१६, २२३ रुचककूट रतिकर रुचकप्रभा रतिज्येष्ठ रुचका रतिप्रिया १६७ रुचकाचल रतिषणा १६७ रुचकाद्रि रत्नपुर . ४ रुचकाभ रत्नप्रभा १३४, १३५, १४५ रुचिर रलवान् रत्नसंचया रुद्रदर्शना रत्नाकर ४ रुद्रा रत्नाढया १६८ रूपपाली रत्नांग ८४ रूपयक्ष रत्नि १५६, २०८ रूपवती रत्निका १४० रूप्यकूला रथनूपुर ३ रूप्यकूलाकूट रथमन्थर १९५ रूप्यवर रमणीया २३, ७७ रेवती रम्यक २, ९, २०५ रोचन रम्या २३, ७७/ रोहिणी रजतकूट ३२, ७२, ७९, ८०, लवण ८१, १७७, २०६ लवणाब्धि |लवणोदक लान्तव ४८,१०४ १७५, १७७, १८७. १८८, १९४ १८८ ११२, ११९ ७२ १७७ २३ १५९, १७२, २०८ लान्तवेन्द्र लावण - लावणसमुद्र लांगल ७९ लांगलावर्ता १७७ लेश्या १२८ लोक १७३ लोकनाली १७३ | लोकपाल १६७ १६८ लोकानुभाव १६७ लोकानुयोग १० लोलवत्सा ९लोलिका ७२ लोहार्गल १२६ लोहित १९ लोहिताक्ष १२५, १६८, १९३ लोहितामा २०९ ३१, ३३, १३८, १९७, १९८ ४७, १८२ १४४ १४८ ३१, ५३, १७७ २० १३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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