Book Title: Lokvibhag
Author(s): Sinhsuri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 305
________________ २५० ] शब्द प्रतर प्रतरनाभि प्रतिच्छन्न प्रतिभूत प्रतिरूप प्रतिशत्रु प्रतिश्रुति प्रतीन्द्र प्रभंकरा प्रभंजन प्रवचन प्रवाला प्रवीचार प्रसेनजित् प्रस्तर प्राग्विदेह २४, १३२ बृहस्पति १३६, १३७ | ब्रह्म प्रभा १७७, १८४, १८५, १८६ ब्रह्मपुत्रा प्रभाकर १७७ ब्रह्मराक्षस १४, ७५ | ब्रह्मलोक प्रभास प्रभासा प्रमाणक प्राणत प्रियदर्शन प्रियदर्शना प्रीतिक प्रीतिकर प्रीतिकृत् प्रेक्षणमण्डप फाल्गुन फेनमालिनी पृष्ठ शब्द १४६, १४७, १५१ बहीरक्ष १४८ | बहुमुखी बकुला बन्ध बर्बका बल बलभद्र बलभद्र कूट बलभद्र देव बला बलाहक १९५, २००, २०२ | बुध १६७ बहुरूपा १६७ बाण १६७ | बाह्य परिषद् १०१ | बुद्धि ८७, ९५ बुद्धिकूट Jain Education International १७९ ब्रह्म हृदय १७४ ब्रह्मा १६७ ब्रह्मेन्द्र १३४ ब्रह्मोत्तर १४१, २०७ | भग ९२ भद्र २०८ भद्रशाल ९ भद्रसाल १७५, १७७ भदसालवन ७५, १६८ भद्रा १६९ | भद्राश्व १७४ भरणी १७७ भरत २०५ भरतकूट लोकविभागः ३८ भवन ७१ भवनपुर २२ | भव्य १३४ भाग्य २२०, भानु १३४ | भारत १०१, १२८ | भावन १७७ भावन देव ३२ | भावलेश्या ३२ | भास्कर २१, १९३ भीम ४ भुजग पृष्ठ शब्द १९२ भुजगप्रिया ३ भुजगा १६७ भुजंग ५ | भुजंगशाली ३४ भूत १० भूतकान्ता ९. भूतदत्ता १०३, १२५ भूतरमण १२८ भूतवर १७७ भूता १६८ भूतानन्द १६८ | भूतोत्तम १७५ भूमितिलक १७७ भृंगनिभा १२८, १८७ भृंगपादप १८७ भृंगा १७७, १८७, १९३ भैरव १२८ भोगभूमि ७६, १६८ भोगमालिनी २२ भोगवती १९, २६, ४० भोगंकरा ३० भोगा ८१, १७३ भोजनद्रुम ४ भौम १०४, १२६ भ्रमका ६१, ९६, १०० भ्रान्त ७ मघवी १६५ मघा १६५ | मणिकांचन १५९, २२५ | मणिकांचनकूट १२१,१२८ मणिकूट १२८ | मणिप्रभ २, २०४ मणिभद्र १३५, १६५ मणिवज्ञ १७४ | मत्तजला १५९ | मधुरा १७५ मधुरालापा १६८ | मध्य ७२, १६८, १७४ मध्यम For Private & Personal Use Only पृष्ठ १७२ १७२ ५१ १६८ १६६, १६७, १७२ १७२. १७२ ३० ७२ १७२ १३६, १३७, १४४ १६७ ४ ३५ ८४ ३५ I १६४ ९५ २१ २१, १६८, १७२ २१ १६८, १७२ ८५ १०३, १२५ १४८ १४८ १४५ १२३, १२५ ९ ९. ७९, ८१ ७९ ४. ४ २२ १७२ १७२ ७५ ७५ www.jainelibrary.org

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