Book Title: Lakshya Banaye Safalta Paye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 109
________________ युवक ने कहा, 'मैं नीचे का एक और बटन निकाल कर ऊपर लगवा दूंगा और कमीज के निचले हिस्से को पेंट के भीतर डाल लूंगा।' मालिक ने तत्काल पूछा, 'अगर एक और बटन टूट जाए तो?' युवक ने बिना किसी झिझक के तत्काल जवाब दिया, 'सर, ऐसी स्थिति में मैं सारे बटन बदल लेना पसंद करूंगा।' कंपनी मालिक ने युवक को देखा। उसकी आंखों में नज़र आ रहे आत्मविश्वास को निहारा। मालिक ने मुस्कराते हुए कहा, 'कल से तुम अपनी सर्विस ज्वाइन कर लो।' बातचीत तो साधारण-सी थी, लेकिन किसी भी आदमी की पहचान महज़ उसकी डिग्री से नहीं, वरन् उसके विश्वास और उसकी प्रस्तुति से हुआ करती है। आप अपनी मानसिक शक्ति को पहचानिए। यदि आपको लगता है कि आपके भीतर सफलता प्राप्त करने की तमन्ना है, पर उसे प्राप्त करने के लिए जो विश्वास और हिम्मत चाहिए, तो मैं कहूंगा कि आप आत्मविश्वास प्राप्त करने के बुनियादी उसूलों को अपनाएं, तो आपके जीवन में ओजस्विता का संचार होगा। आपका आभामंडल आपकी सफलता में मददगार बनेगा। प्रश्न है, क्या करें हम आत्मविश्वास के लिए? मैं इस संदर्भ में छोटे-छोटे पांच-सात सूत्र दूंगा, जिन्हें आप अपने जेहन में इस तरह उतर जाने दें कि आपके जीवन में कोई चमत्कार साबित कर सके। आत्मविश्वास जाग्रत करने का पहला मूल मंत्र है कि आप अपनी हीनभावना पर विजय प्राप्त करें। अपनी योग्यताओं पर विश्वास करें। अपनी क्षमताओं पर भरोसा करें। अपने बारे में आपके मन में जो गलत धारणाएं बन चुकी हैं, उन्हें निकाल फेंकिए। बड़े-बुजुर्गों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को इस तरह का कोई शब्द न कहें, जिससे उनके मन में हीनभावना घर कर जाए। आप नहीं जानते कि मज़ाक में ही सही, आपके द्वारा कहे गए शब्द आपके बच्चे के मन को दुष्प्रभावित कर डालते हैं। अकसर हर पिता अपने बच्चे से कहा करता है कि तुझमें अक्ल नहीं है। तू पूरा लल्लू है। अथवा कहेंगे 'मुझे पहले से पता था कि तू ऐसा ही करेगा, नालायक कहीं का' अथवा कहेंगे कि 'तू निरा भोंदू है, तू कुछ कर सके ऐसी उम्मीद ही नहीं की जा सकती। ये 108 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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