Book Title: Lakshya Banaye Safalta Paye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 111
________________ जीवन भर याद करेगी। उस पंडित को लगा कि यह कालिदास बिल्कुल सही बुद्ध है। उसने अपनी बेटी का कालिदास से ब्याह कर दिया। कालिदास की पत्नी को जब कालिदास की निरक्षरता का अहसास हुआ, तो उसने अपने पति को यह लताड़ लगाते हुए कहा कि मुझे अपना चेहरा उस दिन दिखाना, जिस दिन तुम मेरे बराबर के ज्ञानी हो जाओ। कहते हैं कालिदास के लिए वे शब्द किसी चुनौती का काम कर गए। उनकी रूह कांप उठी, उन्होंने विद्यादायिनी मां सरस्वती की आराधना की, मन लगाकर अध्ययन किया और 'अभिज्ञान शाकुन्तलम' जैसे नाटक तथा 'मेघदूत' जैसे अमर काव्यों की रचना करके संसार में अमर हो गए। चुनौतियां आदमी के सोए हुए विश्वास और पौरुष को जगाती हैं। स्वयं मैं अपने ही जीवन की बात बताऊं, तो एक समय वह था जब मैं अपने जीवन का पहला प्रवचन देने के लिए खड़ा हुआ, तो कुछ लोगों ने यह कहते हुए मुंह के सामने से माइक हटा दिया कि यह बालक क्या बोलेगा। एक घड़ी वह थी, एक घड़ी यह है। मैंने संकल्प कर लिया था कि मुझे जिस क्षेत्र में चुनौती मिली है, मैं उस क्षेत्र में उस ऊंचाई का स्पर्श करूंगा कि जिसके सामने सारे शिखर बौने नज़र आएं। आत्मविश्वास जाग्रत करने का तीसरा बुनियादी मंत्र है- संकल्प कीजिए 'पुरुषार्थ जगाइए'। ध्यान रखिए, दुनिया में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता। न चींटी को कण मिलता है, न हाथी को मण। कण पाने के लिए भी चींटी को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और मण पाने के लिए हाथी को सौ मण की मेहनत करनी पड़ती है। बेरोजगारी इसलिए नहीं है कि सरकार के पास देने के लिए नौकरी नहीं है। बेरोजगारी इसलिए है कि हम खुद काम करना नहीं चाहते। निकम्मापन ही बेरोजगारी को बढ़ावा देता है। आप अपनी इच्छा शक्ति को जागृत कीजिए और अपने भविष्य को अपने लिए चुनौती मानते हुए इस तरह प्रयत्नशील हो जाइए कि आने वाला कल आप पर गौरव कर सके। महान वह नहीं है जो महान कुल में पैदा हो, महान वह है जो महान कार्य करे। 110 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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