Book Title: Lakshya Banaye Safalta Paye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 115
________________ भरपूर जीवन जीने के momments * m ooreonseqeoVAINiswakotionosonk Naat शाश्वात नाराम भरपूर जीवन जीने के शाश्वत नियम -प्रेमकुमार शर्मा मपिया. दामोडीको स्थियों और महावों के र कथा एवं whim के पदस्थ शुभा मनीषियों, दार्शनिकों, तपस्वियों और महापुरुषों के अमर कथन एवं धर्मग्रंथों के उद्धरण। वर्तमान समय और समाज बहुत तेजी से बदल रहा है। सूचना, तकनीक और बाजार व्यवस्था ने मनुष्य की सम्पूर्ण जीवन शैली ही बदल दी है। चारों तरफ भाग-दौड़, होड़, प्रतिस्पर्धा और किसी भी तरह आगे बढ़ने और ऊंचा उठने की बेचैनी फैली हुई है। परिस्थितियां इतनी जटिल और उलझन-भरी हैं कि सहज, सरल और शान्तिपूर्ण जीवन जीने की तलाश निरंतर बनी रहती है। आज का आदमी इसी उधेड़-बुन में लगा है और चाहता है कि किसी भी तरह कुछ ऐसा किया जाए कि जीवन में सम्पूर्णता चली आए। इसी दृष्टि से यह पुस्तक तैयार की गई है। इसमें 25 अध्याय हैं। प्रत्येक अध्याय जीवन के किसी-न-किसी पहलू से सम्बद्ध है और सभी अध्यायों में कुल मिलाकर 666 उद्धरण दिए गए हैं। ये महापुरुषों, मनीषियों, दार्शनिकों, विद्वानों और विचारकों के अमर वचन हैं। इसी के साथ महान् ग्रंथों से कालजयी सूक्तियां भी ली गई हैं। ये हर समय, काल, देश और दिशा में सदा-सदा से प्रचलित दिशा-निर्देश हैं, इसीलिए इन्हें शाश्वत नियम कहा गया है। * क्षमा व दया का भाव रखें * सोच-समझकर काम करें * कर्त्तव्य को कैसे पहचानें * विपत्ति काल में क्या करें * कटु न बोलें * सोच-समझकर बोलें * सुख-सुविधाओं का उपयोग कैसे करें * मित्रता किससे करें * किनसे संबंध रखें * लालच, क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार का त्याग करें * पारिवारिक सम्बंधों में आपका व्यवहार कैसा हो * माता-पिता का संतान के प्रति कर्त्तव्य * संतान का उनके प्रति कर्त्तव्य इसी तरह के जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों को पुस्तक में ढेरों शाश्वत नियमों के साथ दिया गया है, जिन्हें आत्मसात करके और बताए गए रास्तों पर चल कर हर कोई निश्चय ही भरपूर जीवन जी सकेगा। आकार : 5.5" x 8.5" • पृष्ठ : 144 मूल्य : 100/- • डाकखर्च : 25/ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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