Book Title: Laghu Pooja Sangraha Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 3
________________ देखी नविक जन गुण मणि खा' णं ॥ जे की उज. निर्मल नाण, लहीए परम महोदय गण ॥ कुसुमांजलि मेलो श्रादि जिणंदा, तोरो चरणकमल सेवे चोसठ इंदा ॥कु०॥१॥ चोवीश वैरागी, चोवीश सोनागी, चोवीश जिणंदा॥कु०॥ एम कही प्रजुनाचरणे पूजा करीए॥ गाथा ॥ ॥ जो निय गुण पळव रम्यो तसु अनुजव एगंत ॥ सुह पुग्गव आरोपतां, जो तसुरंग निरत्त ॥ Jain Educationa Interati@ersonal and Private Usev@mw.jainelibrary.orgPage Navigation
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