Book Title: Laghu Kshetra Samas Prakaranam
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 191
________________ (१४) कच्छु १ सुकच्छो २ य महा-कच्छो ३ कच्छावई ४ तहा। आवत्तो ५ मंगलावत्तो ६, पुक्खलो ७ पुक्खलावई ८ ॥ १५४ ॥ वच्छु ९सुवच्छो १० यमहा-वच्छो ११ वच्छावई १२ वि य। रम्मो १३ य रम्मओ १४ चेव, रमणी १५ मंगलावई १६ ॥१५५॥ पम्हु १७ सुपम्हो १८ य महा-पम्हो १९ पम्हावई २० तओ। संखो २१ णलिणणामा २२ य, कुमुओ २३ णलिणावई २४॥१५६॥ वप्पु २५ सुवप्पो २६ अ महा-वप्पो २७ वप्पावइ २८ त्ति य । वग्गू २९ तहा सुवग्गू ३० य, गंधिलो ३१ गंधिलावई ३२ ॥१५७॥ एए पुव्वावरगय-विअड्दलिय त्ति णइदिसिदलेसु । भरहद्धपुरिसमाओ, इमेहिं णामेहिं णयरीओ ॥१५८ ॥ खेमा १ खेमपुरा २ वि अ, अरिह ३ रिट्ठावई ४ य णायव्वा । खग्गी ५ मंजूसा ६ विय, ओसहिपुरि ७ पुंडरिगिणी ८ य ॥१५९॥ सुसीमा ९ कुंडला १० चेव, अवराविअ ११ पहंकरा १२ । अंकवइ १३ पम्हावइ १४, सुभा १५ रयणसंचया १६ ॥१६॥ आसपुरा १७ सीहपुरा १८, महापुरा १९ चेव हवइ विजयपुरा २०। अवराइया २१ य अवरा २२, असोगा २३ तह वीअसोगा २४ य॥१६१॥ विजया २५ य वेजयंती २६, जयंति २७ अपराजिया २८ य बोधव्वा । चक्कपुरा २९ खग्गपुरा ३०, होइ अवज्झा ३१ अउज्झा ३२ य ॥१६२॥ कुंडुब्भवा उ गंगा-सिंधूओ कच्छपम्हपमुहेसु । अट्ठसु विजएसुं, सेसेसु य रत्तरत्तवई ॥१६३ ॥ अविवक्खिऊण जगई, सवेइवणमुहचउक्कपिहुलत्तं । गुणतीससय दुवीसा, णइंति गिरिप्रति एगकला ॥ १६४ ॥ पणतीस सहस चउ सय, छडुत्तरा सयलविजयविक्खंभो । वणमुहदुगविक्खंभो, अडवण्ण सया य चोयाला ॥१६५॥

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