Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 7
________________ (३०४) 1 दियह पि अह खणंता ण किं चि पावंति ते वरया ।। अह तत्थ वि णिव्विण्णा अल्लीणा कं पि एरिसं पुरिसं । 3 धाउव्वायं धमिमो त्ति तेण ते किं पि सिक्खिविया ।। तत्थ वि खणंति गिरि-कुहर-पत्थरे णट्ठ-सयल-पुरिसत्था । ते च्चिय धर्मति सुइरं तत्थ वि छारो परं हत्थे ।। तत्थ वि तेणुव्विग्गा लग्गा अह खेलिउं इमे जूयं । 7 एत्थ वि जिणिऊण इमे बद्धा सहिएण ते वणिया ।। कह-कह वि तत्थ मुक्का लग्गा ओलग्गिउं इमे दो वि । 9 तत्थ वि एसो जाओ संगामो पाडिया बद्धा ।। एत्थ वि चुक्का मुक्का अंजण-जोएसु णेय-रूवेसु । अंजंति य णयणाई उवघाओ जाव से जाओ ।। अह पुण ते च्चिय एए कं पि इमं गहिय-पोत्थय-करग्गा । 13 पुरओ काउं पुरिसं बिलम्मि पविसंतया लिहिया ।।। एत्थं किर होहिइ जक्खिणि त्ति अम्हे वि कामुया होहं । 15 जाव विगराल-वयणो सहसा उद्धाइओ वग्यो ।। ___ एए ते चिय पुरिसा मंतं गहिऊण गुरुयण-मुहाओ । 17 मुद्दा-मंडल-समएहिँ साहणं काउमाढत्ता ।। एत्थ वि साहेंताणं सहसा उद्धाइओ परम-भीमो । 19 रोदो रक्खस-रूवी पुव्व-कओ पाव-संघाओ ।। सव्वहा, जं जं करेंति एए पुव्व-महा-पाव-कम्म-दोसेण । 21 तं तं विहडइ सव्वं वालुय-कवलं जहा रइयं ।। अह एए एयं जाणिऊण णिव्विण्ण-काम-रइ-भोगा । ___1) P ता णं for ता ण, J ताण इंचि. 2) P अल्लीणा किंपि, P पुरि for पुरिसं. 5) J चिर for च्चिय, P हत्थो. 6) P व्विग्गा अढत्ता खेल्लिडं इमे. 8) P चुक्का for मुक्का. 9) P इसो for एसो. 10) P तत्थ for एत्थ, J जोएसु णायरूवेसु । अंजोति. 11) J उवग्घतो. 12) J एते किं पि अहं, P इमं महिय-, P करगं. 13) J पुरिसं पिलंमि, P पइसंतया. 14) P एत्थ किर होहिति. 15) J विअराल. 16) J एते, P गुरुयमुहाओ. 18) J साधेताणं P साहंताणं. 20) P एते. 21) P विहडसव्वं. 22) P एते एतं, J तं for एयं, P णिव्वन्नकामरइअभोगा.

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