Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 15
________________ १२ (३१०) 'अहो, एरिसो तुमं अम्हाणं णिण्णेहो जेण भगवओ धम्मं णाचिक्खियं' । 1 कुमारेण भणियं । 'महिंद, पुव्व-विहियं एवं णियय-परिणामेण पाविज्जइ' त्ति भणिऊण वंदिऊण साहुं उवगया आवासं ति । भणियं च कुवलयचंदेण । 'अहो 2 एरिसो एस जिणवर-मग्गो दुग्गमो जेण बहए जीवा मिच्छा-वियप्प-वामूढा परिब्भमंति संसारे, ण उण सयल-तेलोक्क-पयड-रूवं पि इमं जिणधम्मं पावंति 5 । ता ण-याणामो किं कम्माणं बलवत्तप्पणं, आदु जीवस्स मूढत्तणं, किं वा जिण-मग्गस्स दुल्लभत्तणं, किं वा विहाणं एरिसं चेय सयल-जग-जीव-पयत्थ7 वित्थरस्स' त्ति। एवं भणमाणा केवलि-जिण-साहु-धम्म-सम्मत्त-कहासुं महिंदकुमारस्स दढं सम्मत्त-परिणामं जाणेमाणा संपत्ता तं खंधावार- णिवेसं । 9 तत्थ कय-कायव्व-वावारा पडियग्गिय-सयल-सेणिय-जणा पसुत्ता । राईए वि पुणो विमले गयणंगणे णिवडमाणेसु तारा-णियरेसु, संचरमाणेसु हरि-णउलेसु 11 गुहा-मुहेसु, राई-खेय-णीसहेसु, मयवईसु, चरमाणेसु महाकरि-जूहेसु, __ करयरेंतेसु वायस-सउणेसु, णिलुक्कमाणेसु कोसिय-संघेसु, सव्वहा 13 कुंकुंम-रायारत्ता सूरं दइयं व मग्गए एतं । पुव्व-दिसा महिला इव णहयल-सयणं समारूढा ।। 15 (३१०) एरिसम्मि य समए दिण्णं पयाणयं ताव जा संपत्ता कमेण विंझ___सिहरासण्णं, तत्थ य समावासिया । तओ कय-दियह-सेस-परियारा कय17 राई-वावारा य णिसण्णा सयणिज्जेसु । तओ कय-सयल-वावारो उवविट्ठो सयणयले कुमारो कुवलयमाला य । तत्थ य अच्छिऊण कं पि कालं 19 वीसंभालाव-णिब्भरा, पुणो कय-अरहंत-णमोक्कारा कय-जहा-विवक्खिय पच्चक्खाणा य णिवण्णा सयणयले, पुणो सयल-खेय-णीसहा पसुत्ता । थोव21 वेलाए य विबुद्धो कुमारो जाव तीए राईए दियड्ढे जामं ति पलोयंतेण गयणयलं 1) J धम्म, P णाविक्खियं. 3) J णिय, J साहूं, Jom. भणियं च कुवलयचंदेण. 5) P परिभमंति, P adds ता ण धम्म पावंति after पावंति. 6) P बलवत्तएणं, P आउ for आदु. 7) P om. किं वा जिणमग्गस्स दुल्लभत्तण, J जय for जग, Jom. पयत्थ. 8) P भणमाणो. 9) P जाणेमाणो संत्ता पत्तो तं खण्णवार, J खंधारणिवेसं. 10) Jadds य after तत्थ. 11) P inter पुणो & वि, J adds वि after पुणो. 12) P रातीसु for राईखेयणीसहेसु मयवईसु. 13) P करयरंतेसु, J वायसउलेसु. 14) J रायारइयासूरं, P दइय त्ति, P एतं ।. 15) J सयलं. 16) P मए for समए, P om. य. 17) J आगया for कय (before राई). 18) P रोती for राई, J णिसण्णो , P adds सन्ना before सयणिज्जेसु. 20) J णमोकारा. 21) Jom. सयल, J णीसहो पसुत्तो थोअवेलाए. 22) P उवविट्ठो for विबुद्धो, Jom. तीए, P रातीए दिवड्डजायं, J पलोएंतेण.

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