Book Title: Kitab Charcha Patra Author(s): Shantivijay Publisher: Dolatram Khubchand Sakin View full book textPage 2
________________ *ANNNNeene.eeeeeeeee [-दिबाचा,-] -- anane किताब-चर्चापत्रबहुतअर्सेसे बनाइगइथी, मगर ब-सबबहै कमफुरसतके छपवानेमें देरीहुइ, अवतोछपकर आपलोगोके सा मने रखीगइहै,-इसकोपढलिजिये, चर्चाकग्रंथपढनेसे आदमी है १ होशियारहोजाताहै, और ग्रंथकर्ताकी दिइहुइदलिले एकसाथ १ पढनेका मौकामिलताहै, इसमेदलिचंद-सुखराजके पुछेहुवेसवा लोके जवाबदर्ज है, जेसिंग-सांकलचंदके और दक्षिणनिवासीके लेखकाभी जवाब इसमेंमौजूदहै, आपलोगदेखिये ! बयानशुरुआतकिताब-दरबयान प्रतिदिनचर्या,-बीचबयान जिनमंदिरके। दर्शन,-दरबयान बांसकादंडा,-और देसकालका सहारा,-बी चबयान पंन्यासपदवी और जातिस्मर्णज्ञान,-दरबयानरैलविहार, वयानतीर्थकुल्पाकजी, औरउसका जीर्णोद्धार,-दरबयान, रत्नकंबल,-बयानपुस्तक छपवानेके बारेमें,-बीचबयान वचनसे शासनदेना,-बयान दीपकरखनेके बारेमें,-दरबयानस्थंडिलभूमि,बीचबयान विद्यासागर न्यायरत्नपदवी,-दक्षिणनिवासीके लेखकाजवाब,-अखीरभाग चर्चापत्र,-और-निर्णयचर्चापत्र,वगेरालेख काबिलदेखनेके है,-आपलोग ब-गौरपढे, और सचबातका इम्तिहानकरे,-सच पानी डुबता नही और आतीसमें जलता नही, दुनियामें सचहमेशां सबपर शिरोताज बना रहताहै, . (ग्रंथकर्ता,-) NANANABANARANAINMastraasranAN SAUGUAVAVANAGAUR --000K-- - AURBANIBANAVARANAWARANALPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 60