Book Title: Kitab Charcha Patra
Author(s): Shantivijay
Publisher: Dolatram Khubchand Sakin

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Page 1
________________ "जैनना आजना अंकनो वधारो" [किताब-चर्चापत्र-1 OK-- M (जिसको.) नश्वेतांबरधर्मोपदेष्टा-विद्यासागर-न्यायरत्न महाराज-शांतिविजयजीने मुरत्तिबकिया; मुकाम-पुना-मुल्कदखन, - - समे दलिचंद-सुखराज,-जेसिंग-साकलचंद,और दक्षिणनिवासीके-लेखकाजवाब दर्जहै, ARTIA ब-खुबीदेखलो, सदर बजार सिरोही OBD - । [इसको] शेठ-दोलतरामजी-खूबचंदजी-साकीन पांचोरामुल्क-खानदेशने फायदेआम-जैनश्वेतांबर संघके छपवाकर जाहिर किया,प्रथमआवृत्ति, २५०० दोहा, समकीती जीवकोढीभलो-जाके देह-न-चाम, विनाभक्ति भगवानके-कंचनदेह निकाम,-१, - - - अहमदाबाद-सिटी-मिंटिंग प्रेसमें-शाहचंदुलाल छगनलालने छापा, dokसंवत् १९७४- (मुफ्त,-)- सन, १९१७ K C2

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