Book Title: Katantra Vyakaranam Part 02 Khand 01
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay

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Page 592
________________ क्रमाङ्गः व्युत्पन्नशब्दाः १. अतिगुम् २. अतिगून् ३. अतिदध्ना ४. अतियुष्मया ५. अतिसखेः ६. अत्यदसौ ७. अत्यस्थ्ना ८. अत्यस्मया ९. अदः पुत्रः १०. अनडुह्यम् ११. अनुषङ्गः १२. अनन्तस्थानुनासिकम् १३. अन्तरीपः १४. अन्त्यः १५. अप्रजाः १६. अप्सव्यम् १७. अब्भारः १८. अभिधेयसत्ता परिशिष्टम् - ४ [व्युत्पत्तिपरकशब्दाः] पृष्ठाङ्गः क्रमाङ्गः व्युत्पत्रशब्दाः २६७ १९. अष्टादश २६७ २०. अष्टाविंशतिः २२२ २१. अर्थः ३४७ | २२. अर्थवत् १८६ २३. अल्पादिः २८६ २४. अक्षरम् २२२२५. अहन्तनुः ३४७ २६. आकृतिः ४२५ २७. आख्यौ ४३४ २८. आगमः A आदेशः १०,४९ | २९. ५१ ३०. आभिमुख्यम् ९५ | ३१. आमन्त्रितम् ३५ ३२. आमुष्यायणः २४१ | ३३. आशी: २३ ३४. इ: ४३२ ३५. इजादयः १७ | ३६. इयुव्स्थानौ पृष्ठाङ्कः ३८७ ३८७ ७ ८ ९७ ३१८,३१९ ४६१ २२६,२२७ ४३ ३५ ४२० _३३,३४९ ३३ २३, २४ ४५६ १०६, ३१८ ४३९ १९५

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