Book Title: Karmprakruti Author(s): Malaygiri Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund View full book textPage 8
________________ विषयः अनुक्रम कर्मप्रकृतिः ॥४॥ सानि SANSARAAA%CASk गाथाङ्कः विषयः गाथाङ्कः वर्गणाः .... .... ....। परम्परोपनिधा ४६-४७-४० स्पर्धकानि-स्थानानि ३१ स्पर्शना .... ए-५०-५१ कएमकानि ... .... .... ३२ स्थितिस्थानेऽनुनागस्थानानि .... ५२ षट्स्थानानि .... ३३-३४-३५-३६ अनन्तरपरम्परोपनिधा ५३-५४-५५-५६ वृधिहानिप्रमाणं-अधस्तनस्थानानि अनुकृष्टिस्तेषाम् ५७-६७ वृधिस्थानानि स्थितिस्थानानि समयप्ररूपणा, .... ... निषेकप्ररूपणा .... ३- ४ अष्टसामयिके वृधिहानी-शेषेष्वपि ..... . अबाधाप्ररूपणा .... ५-७६ अनुनागबन्धस्थानानि .... स्थितिसमुदाहारः प्रकृतिसमुदाहारः 03-00-ए अविनागादिराशिस्वरूपम् जीवसमुदाहारः .... ... ....ए०-१०२ अपबहुत्वम् .... १ इति बन्धनकरणं ६७ पृष्ठं यावत् । श्रनुजागबन्धस्थाने जीवमानम् वृधावनन्तरोपनिधा .... | सङ्कमलदणम् .... .... .... १-२ . .... ३० .... ३ए ACCESCALCCCCCCCCCCCAKAL .... ४१ ॥४॥ JainEducation For Privale & Personal use only belibrary.orgPage Navigation
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